सदन में विधायक मधु श्रीवास्तव के सवाल का जवाब देते जाड़ेजा ने कहा कि वडोदरा केन्द्रीय कारागार में 1304 कैदियों को कानूनी सलाह दी गई, जिसमें विचाराधीन कैदियों में 774 पुरुष और 371 महिला समेत 1145 हैं। वहीं सजायाफ्ता कैदियों में 90 पुरुष और 69 महिला कैदी समेत 149 कैदियों को कानूनी सलाह दी गई। वहीं 538 कैदियों को कानूनी मदद दी गई, जिसमें विचाराधीन कैदियों में 524 पुरुष और 14 महिला कैदी हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यभर की जेलों में विचाराधीन और सजायाफ्ता पुरुष और महिला समेत 43,779 कैदियों को कानूनी सलाह और विचाराधीन पुरुष व महिला समेत 10158 कैदियों को कानूनी मदद उपलब्ध कराई गई। जाड़ेजा ने कहा कि जेल से मुक्त होने के बाद कैदी अपना रोजगार कर सकें इसके लिए उन्हें आईआईटी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्था के जरिए अल्पकालीन रोजगारलक्षी प्रशिक्षण दिया जाता है। कैदियों को प्रशिक्षित कर कौशल बनाने का प्रयास किया जाता है। कैदियों को पढऩे का भी मौका दिया जाता है, जिन्हें इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी और डॉ. अम्बेडकर ओपन यूनिवर्सिटी के जरिए डिग्री या प्रमाणपत्र दिया जाता है। ऐसे कैदी को निर्धारित पैमाने में खरे उतरते हैं उन्हें वडोदरा की दंतेश्वर ओपन जेल में भेजा जाता है, जहां 80 एकड क्षेत्रफल में फैले खुले माहौल में कैदियों के कृषि और कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है।