गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने मंगलवार को राज्य के आदिवासी इलाकों के लिए 1600 करोड़ रुपए के लगभग 5690 विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया। दाहोद जिले के झालोद में आयोजित राज्य स्तरीय विश्व आदिवासी समारोह का शुभारंभ कराते हुए सीएम पटेल ने कहा है कि आदिवासियों का सामाजिक-आर्थिक विकास सदैव राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से गुजरात में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में आदिवासियों को मुख्य धारा में लाने के लिए आरंभ की गई वनबंधु कल्याण योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। पिछले दो दशकों में राज्य के आदिवासी समाज के विकास के लिए बजट में 26 गुना भारी वृद्धि की गई है। आदिवासियों के रोजग़ार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ढाँचागत सुविधाओं के लिए अब तक एक लाख करोड़ रुपए ख़र्च किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने ‘पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम यानी पेसा’ का सुदृढ़ क्रियान्वयन कर अंबाजी से उमगराम तक आदिवासी पट्टे के 14 ज़िलों की 53 तहसीलों के 4 हज़ार से अधिक गाँवों के 90 लाख से अधिक आदिवासियों को विशेषाधिकार दिए हैं।
उन्होंने कहा कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए गुजरात की आदिवासी संस्कृति से ओत प्रोत करने वाले और 130 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय आदिवासी संग्रहालय (नेशनल ट्राइबल म्यूजियम) बनाया जा रहा है। आदिवासी जिलों के 11 लाख एकड़ क्षेत्र को विभिन्न सिंचाई योजनाओं का लाभ देकर हरियाला बनाने के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्र के 98 प्रतिशत राजस्व गाँवों को पक्की सडक़ों से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से गुजरात में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में आदिवासियों को मुख्य धारा में लाने के लिए आरंभ की गई वनबंधु कल्याण योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। पिछले दो दशकों में राज्य के आदिवासी समाज के विकास के लिए बजट में 26 गुना भारी वृद्धि की गई है। आदिवासियों के रोजग़ार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ढाँचागत सुविधाओं के लिए अब तक एक लाख करोड़ रुपए ख़र्च किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने ‘पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम यानी पेसा’ का सुदृढ़ क्रियान्वयन कर अंबाजी से उमगराम तक आदिवासी पट्टे के 14 ज़िलों की 53 तहसीलों के 4 हज़ार से अधिक गाँवों के 90 लाख से अधिक आदिवासियों को विशेषाधिकार दिए हैं।
उन्होंने कहा कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए गुजरात की आदिवासी संस्कृति से ओत प्रोत करने वाले और 130 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय आदिवासी संग्रहालय (नेशनल ट्राइबल म्यूजियम) बनाया जा रहा है। आदिवासी जिलों के 11 लाख एकड़ क्षेत्र को विभिन्न सिंचाई योजनाओं का लाभ देकर हरियाला बनाने के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्र के 98 प्रतिशत राजस्व गाँवों को पक्की सडक़ों से जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि पाल दढवाव के शहीदों की स्मृति में वन तथा गोविंद गुरु की स्मृति में उनके नाम के साथ विश्वविद्यालय के अलावा राजपीपला में 341 करोड़ रुपए के ख़र्च से बिरसा मुंडा विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने बिरसा मुंडा विश्वविद्यालय के लोगो का अनावरण किया। साथ ही मेधावी विद्यार्थियों का का सम्मान भी किया।
मुख्यमंत्री ने सभी आदिवासी बंधुओं से हर घर तिरंगा अभियान में जुडऩे का अनुरोध किया।
इस अवसर पर आदिवासी मामलों के मंत्री नरेश पटेल, सांसद जसवंत सिंह भाभोर, विधायक व पूर्व मंत्री बचू खाबड, आदिजाति विकास विभाग के आयुक्त दिलीप राणा, जिला कलक्टर डॉ. हर्षित गोसावी, नरेन्द्र सोनी, आदिजाति विभाग के सचिव डॉ. मुरली कृष्णा, जिला विकास अधिकारी नेहा कुमारी सहित अन्य उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्य के विभिन्न आदिवासी इलाकों में 26 स्थानों पर एक साथ विश्व आदिवासी दिवस समारोह आयोजित किए गए जिनमें विधान सभा अध्यक्ष सहित मंत्रिमंडल के सदस्य उपस्थित रहे।
इस अवसर पर आदिवासी मामलों के मंत्री नरेश पटेल, सांसद जसवंत सिंह भाभोर, विधायक व पूर्व मंत्री बचू खाबड, आदिजाति विकास विभाग के आयुक्त दिलीप राणा, जिला कलक्टर डॉ. हर्षित गोसावी, नरेन्द्र सोनी, आदिजाति विभाग के सचिव डॉ. मुरली कृष्णा, जिला विकास अधिकारी नेहा कुमारी सहित अन्य उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्य के विभिन्न आदिवासी इलाकों में 26 स्थानों पर एक साथ विश्व आदिवासी दिवस समारोह आयोजित किए गए जिनमें विधान सभा अध्यक्ष सहित मंत्रिमंडल के सदस्य उपस्थित रहे।