मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिला मुख्यालयों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े उद्योगपतियों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर पैकेज में से कोरोना महामारी के बाद एमएसएमई सेक्टर को बल देने के लिए 3.50 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि लगभग 1 लाख 65 हजार इकाइयों ने 9 हजार करोड़ का लाभ हासिल किया है। गुजरात में 13 हजार से अधिक एमएसएमई इकाइयों को 1371 करोड़ की सहायता प्रदान कर हरेक क्षेत्र के हरेक लोगों को काम और रोजगार मुहैया कराने का पहल समान कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि गुजरात ने हमेशा देश को राह दिखाई है। उद्योगों के विकास के साथ पर्यावरण की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी है और औद्योगिक क्षेत्रों में सीईटीपी प्लांट से प्रदूषित पानी के समुचित निस्तारण की रणनीति भी अपनाई है।
उन्होंने कहा कि गुजरात ने हमेशा देश को राह दिखाई है। उद्योगों के विकास के साथ पर्यावरण की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी है और औद्योगिक क्षेत्रों में सीईटीपी प्लांट से प्रदूषित पानी के समुचित निस्तारण की रणनीति भी अपनाई है।
रूपाणी ने कहा कि जीआईडीसी की ढांचागत सुविधाओं के कारण उद्योगपतियों का विकास होता है साथ ही प्लग एंड प्रोड्यूस, आत्मनिर्भर गुजरात पैकेज के तहत 458 करोड़ रूपए की विभिन्न रियायतों के माध्यम से सरकार ने कोरोना के कठिन समय में कमियों को दूर कर उद्योगपतियों को अधिक से अधिक उद्योग शुरू करने को आकर्षित किया है।
राज्य में 217 जीआईडीसी में कार्यरत करीब 60 हजार उद्योग 18 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करा रहे हैं। वहीं, प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी गुजरात आगे बढ़ रहा है।
राज्य में 217 जीआईडीसी में कार्यरत करीब 60 हजार उद्योग 18 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करा रहे हैं। वहीं, प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी गुजरात आगे बढ़ रहा है।