दीव प्रशासन से 13 सितंबर के रात आठ बजे कॉल मिलने के बाद भारतीय तटरक्षक बल तुरंत हरकत में आया। तटरक्षक बल ने गहरी अंधेरी रात और खराब मौसम के दौरान इस जीवन रक्षा अभियान के लिए दीव से 175 किमी दूर पोरबंदर से स्वदेशी उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर को तैनात किया। इस हेलीकॉप्टर को तटरक्षक बल के पायलट कमांडेंट कुणाल नाइक और कमांडेंट (जेजी) सौरभ की ओर से उड़ाया गया था। उन्होंने हेलीकॉप्टर को बादलों की निचली सतह के पास ही उड़ाया, जिससे कि तय समय सीमा के अंदर उस स्थान पर पहुंच सके। उफनते समुद्र की तेज लहरों और घनी अंधेरी रात ने इस कठिनाई को बढ़ा दिया था, लेकिन कुशल पायलटों ने पोरबंदर से उड़ान भरने के महज एक घंटे के अंदर ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर कामयाबी हासिल की।
तकनीकी समस्या और मशीन में आई दिक्कत के कारण नाव आगे बढऩे में असमर्थ थी और समुद्र में वनाक बारा के पास रूक गई थी। नाव में मौजूद सभी 7 क्रू को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर सुरक्षित जमीन पर पहुंचाया गया।
तकनीकी समस्या और मशीन में आई दिक्कत के कारण नाव आगे बढऩे में असमर्थ थी और समुद्र में वनाक बारा के पास रूक गई थी। नाव में मौजूद सभी 7 क्रू को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर सुरक्षित जमीन पर पहुंचाया गया।