काफी खराब समुद्री स्थिति और तेज हवाओं के बीच जहाज बोट की ओर निकला। समुद्र की विपरीत स्थिति को देखते हुए बोट को छोटी नाव के साथ खींच कर लाया गया। इसी दौरान दूसरी भारतीय बोट अल लब्बेक ने भी मदद की गुहार लगाई। इस बोट में 7 मछुआरे सवार थे। यह बोट जखौ समुद्री तट से 26 नॉटिकल मील दक्षिण पश्चिम की ओर था। इस बोट को भी छोटी नाव के सहारे सुरक्षित लाया गया। इसके बाद हर्षद व अल लब्बेक बोट के 15 मछुआरों को अन्य बोट अल बदरी को सौंप दिया गया और इन सभी को जखौ बंदरगाह पर सुरक्षित लाया गया।