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भाजपा सरकार व उसके चहेतों पर कांग्रेस का करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप

locationअहमदाबादPublished: Oct 29, 2018 10:13:48 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

चहेतों के करोड़ों के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की खातिर द्वेषभावना से कांग्रेसी विधायक की गिरफ्तारी

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भाजपा सरकार व उसके चहेतों पर कांग्रेस का करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप

अहमदाबाद. गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रवक्ता मनीष दोशी ने भाजपा सरकार और उसके चहेतों पर जमीन विकास निगम के जरिए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि मोरबी जिले में लघु सिंचाई योजना के कार्यों, तालाबों को गहरा करने में भाजपा के चहेतों ने करोड़ों का भ्रष्टाचार किया है उस पर पर्दा डालने के लिए कांग्रेस के विधायक की गिरफ्तारी द्वेषभावना से की गई। मोबरी जिले में सिंचाई विभाग ने वर्ष 2016-17, वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 में करीब 334 कार्यों को मंजूर किए थे, जिसका अनुदान आवंटित किया गया था। इसके क्रियान्वयन के लिए सिंचाई विभाग में सेक्सन ऑफिसर, उप इंजीनियर और कार्यपालक इंजीनियर तीनों ही पद एक ही अधिकारी को सौंपा गया था। इन तीन वर्षों के अंतराल में हुए कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में खेत तलावडी, बोरीबंद, तालाबों को गहरा करने में करोड़ों में रुपए का भ्रष्टाचार किया गया। जमीन विकास निगम कार्यालय में 55 लाख रुपए की बरामद की जाती है, जो यह दर्शाता है कि पिछले 15 वर्षों ें जमीन विकास निगम के जरिए भाजपा सरकार और उसके चहेतों ने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया।
‘रोजगारी देने के दावे का ‘मोदी मॉडलÓ खोखला साबित हुआ’

 भाजपा सरकार की शोषण नीति के चलते ही एक ओर जहां बेरोजगारी के आंकड़ें दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर फिक्स वेतन, ठेकेदारी प्रथा, आउटसोर्सिंग नौकरियों में आर्थिक शोषण से युवाओं में रोष है। राज्य के सरकारी रजिस्टर में 15 लाख शिक्षित बेरोजगार हैं। वहीं 35 लाख ऐसे बेरोजगार हैं, जो रजिस्टर्ड नहीं है। राज्य में करीब 50 लाख शिक्षित बेरोजगार हैं। गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रवक्ता मनीष दोशी ने भाजपा सरकार पर यह आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि गुजरात के पांच लाख फिक्स वेतनभोगियों के हित में भजापा सरकार को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेनी चाहिए। राज्य के ज्यादा विभागों में सेवानिवृत्त लोगों की नियुक्तियां हो रही हैं। हर वर्ष दो करोड़ नए रोजगार देने के दावे किए गए थे, लेकिन एक वर्ष में सिर्फ 1.38 लाख ही रोजगार दिए गए। जीएसटी के अमलीकरण की विफलता से लघु एवं मध्यम उद्योग नष्ट हो गए। छोटे उद्योग बंद होने से गुजरात में 20 लाख लोगों के रोजगार छिन गए। पिछले 16 वर्ष में गुजरात में नौकरी नहीं मिलने अथवा नौकरियां छूटने से 3270 युवाओं ने आत्महत्या कर ली। गुजरात में बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण औद्योगिक विकास के खोखले दावे ही हैं।

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