मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. अंबेडकर सिर्फ दलितों और वंचितों के ही नेता या राजनेता नहीं थे, वे पूरे देश के सभी समाजों के राजनेता हैं। वे सामाजिक समरसता का श्रेष्ठ उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करो का मंत्र देकर पीडि़त, शोषित, वंचित सहित सभी को अधिकार देने का काम किया है इसलिए वे हमेशा सूरज-चांद की भांति अमर रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान बचाओ की भ्रामक बातें करने वाले कांग्रेसियों ने उनके शासनकाल के दौरान अंबेडकर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न नहीं दिया। गुजरात के सपूत सरदार पटेल, वीर सावरकर और सुभाषचंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता संग्राम के विरले व्यक्तित्वों को भुला देने के कांग्रेस के इरादतन प्रयासों की आलोचना करते हुए रूपाणी ने कहा कि सिर्फ नेहरू-गांधी परिवार का इतिहास पढ़ाकर एक ही परिवार को राष्ट्रभक्त दर्शाने का काम कांग्रेस ने किया है।
उन्होंने कहा कि इसी कांग्रेस ने सरदार पटेल को दरकिनार कर दिया था। साथ ही कांग्रेस ने वीर सावरकर को भी कोई मान-सम्मान नहीं दिया, इसके उलट राहुल गांधी ने उनके लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह कांग्रेस की मानसिकता को उजागर करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान बचाओ की भ्रामक बातें करने वाले कांग्रेसियों ने उनके शासनकाल के दौरान अंबेडकर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न नहीं दिया। गुजरात के सपूत सरदार पटेल, वीर सावरकर और सुभाषचंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता संग्राम के विरले व्यक्तित्वों को भुला देने के कांग्रेस के इरादतन प्रयासों की आलोचना करते हुए रूपाणी ने कहा कि सिर्फ नेहरू-गांधी परिवार का इतिहास पढ़ाकर एक ही परिवार को राष्ट्रभक्त दर्शाने का काम कांग्रेस ने किया है।
उन्होंने कहा कि इसी कांग्रेस ने सरदार पटेल को दरकिनार कर दिया था। साथ ही कांग्रेस ने वीर सावरकर को भी कोई मान-सम्मान नहीं दिया, इसके उलट राहुल गांधी ने उनके लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह कांग्रेस की मानसिकता को उजागर करता है।