गुजरात के 43 फीसदी किसान कर्ज में डूबे! अहमदाबाद. गुजरात के किसानों की औसतन आय सिर्फ 3573 रुपए है, जो हरियाणा और पंजाब के किसानों की औसतन आय से तीसरे भाग की है। गुजरात के करीब 43 फीसदी किसान कर्ज में डूबे हैं। आर्थिक बदहाली और फसल बर्बाद होने से पिछले 30 दिनों में 16 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने यह दावा किया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार के किसानों के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं और किसानों की आवक दोगुना करने के दावों की केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट ने पोल खोल दी है , जिसमें लघु एवं मध्यम किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय और खस्ताहाल बताई गई है। विशेषतौर पर गुजरात, जहां किसानों की औसतन आवक 3573 रुपए है। गुजरात में 58.72 लाख ग्रामीण परिवारों में से 66.9 फीसदी लोग कृषि पर निर्भर हैं अर्थात् 39.31 लाख ग्रामीण परिवारों में से 16.74 लाख परिवार कर्ज में डूबे हैं। किसानों के हित में योजनाएं तो कई हैं, लेकिन योजनाओं का लाभ किसानों के बजाय भाजपा के बिचौलिए करोड़ों का घोटाला कर किसानों का हक और अधिकार छीन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार के किसानों के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं और किसानों की आवक दोगुना करने के दावों की केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट ने पोल खोल दी है , जिसमें लघु एवं मध्यम किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय और खस्ताहाल बताई गई है। विशेषतौर पर गुजरात, जहां किसानों की औसतन आवक 3573 रुपए है। गुजरात में 58.72 लाख ग्रामीण परिवारों में से 66.9 फीसदी लोग कृषि पर निर्भर हैं अर्थात् 39.31 लाख ग्रामीण परिवारों में से 16.74 लाख परिवार कर्ज में डूबे हैं। किसानों के हित में योजनाएं तो कई हैं, लेकिन योजनाओं का लाभ किसानों के बजाय भाजपा के बिचौलिए करोड़ों का घोटाला कर किसानों का हक और अधिकार छीन रहे हैं।