स्कूल फीस माफ नहीं की तो होगा आंदोलन: धानाणी वॉकआउट के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी ने बयान दिया कि यदि गुजरात सरकार सदन में स्कूल फीस माफी की घोषणा नहीं करेगी तो कांग्रेस इस मुद्दे पर गांव-गांव आंदोलन करेगी। धानाणी ने कहा कि सदन में संक्षिप्त प्रश्नकाल में दो प्रश्न किए गए थे, जिसमें पहला प्रश्न था कि गुजरात सरकार ने जो 14 हजार करोड़ रुपए का ‘आत्मनिर्भर गुजरातÓ राहत पैकेज घोषित किया है उसमें कितनी राशि खर्च की गई और कितने लोगों का उसका लाभ मिला, लेकिन सरकार ने जवाब देना टाल दिया। कोरोना जैसी महामारी में श्रमिकों, गरीबों, ऑटोचालक, टैक्सी चालकों को कितनी मदद दी गई उसका जवाब तक देने में सरकार विफल रही। ऐसा लगता है कि यह राहत पैकेज नहीं बल्कि झुनझुना है।
धानाणी ने कहा कि कोरोना महामारी में धंधे-रोजगार ठप हैं। ऐसे में कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। अभिभावकों के पास पैसे नहीं हैं। पिछले छह माह से स्कूल-कॉलेज बंद हैं, लेकिन स्कूल संचालक फीस वसूल रहे है। ऐसे में सदन में स्कूल फीस माफी का मुद्दा उठाया, लेकिन राज्य सरकार ने सदन में इस मुद्दे पर जवाब देना टाल दिया। यदि राज्य सरकार सदन में संपूर्ण फीस माफी की घोषणा नहीं करेगी तो इस आंदोलन को कांग्रेस गांव-गांव तक ले जाएगी।
प्रश्नकाल पूरा होने से नहीं हो सकी चर्चा: चुड़ास्मा शिक्षामंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा ने कहा कि गुजरात विधानसभा सदन की कार्रवाई में गुरुवार को विधायक इमरान खेड़ावाला के निजी स्कूलों में फीस घटाने के सवाल को लेकर संक्षिप्त अवधि का प्रश्नकाल पूर्ण हो चुका था। इससे चर्चा नहीं की जा सकी।
उन्होने स्पष्टतौर पर कहा कि इस सवाल का जवाब देने में राज्य सरकार किसी भी बात को छिपाने या सदन में चर्चा नहीं करने की ऐसी कोई मंशा नहीं थी। राज्य सरकार स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच कोई भी वैमनस्य नहीं हो और समन्वय बनाए रखकर सभी प्रयास किए जाएंगे। राज्य सरकार दोनों ही पक्षों को के साथ चर्चा कर गुजरात हाईकोर्ट के सुझाव के मुताबिक उचित नहीं करेगी।