सत्ता के लिए नहीं सम्मान के लिए उठाया कदम
परमार ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सत्ता पाने के लिए कांग्रेस नहीं छोड़ी है। ऐसा होता तो कब की छोड़ दी होती। उन्होंने खुद का सम्मान बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है। 27 सालों से कांग्रेस प्रदेश में सत्ता से बाहर है, बावजूद वे पार्टी से जुड़े रहे। युवा अवस्था से लेकर आज तक उन्होंने सत्ता की परवाह किए बिना पार्टी को बढ़ाने की कोशिश की। कांग्रेस पार्टी में वही पुराने नेताओं को घूम फिरकर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। नए लोगों को आगे नहीं बढऩे दिया जा रहा। उन्हें सम्मान नहीं दिया जा रहा जिसके चलते वे यह कदम उठाने को मजबूर हुए हैं। उन्हें सम्मान नहीं दिया जा रहा जिसके चलते वे यह कदम उठाने को मजबूर हुए हैं।
परमार ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सत्ता पाने के लिए कांग्रेस नहीं छोड़ी है। ऐसा होता तो कब की छोड़ दी होती। उन्होंने खुद का सम्मान बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है। 27 सालों से कांग्रेस प्रदेश में सत्ता से बाहर है, बावजूद वे पार्टी से जुड़े रहे। युवा अवस्था से लेकर आज तक उन्होंने सत्ता की परवाह किए बिना पार्टी को बढ़ाने की कोशिश की। कांग्रेस पार्टी में वही पुराने नेताओं को घूम फिरकर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। नए लोगों को आगे नहीं बढऩे दिया जा रहा। उन्हें सम्मान नहीं दिया जा रहा जिसके चलते वे यह कदम उठाने को मजबूर हुए हैं। उन्हें सम्मान नहीं दिया जा रहा जिसके चलते वे यह कदम उठाने को मजबूर हुए हैं।