विधानसभा उपचुनाव को लेकर रणनीति, महात्मा गांधी का संदेश पहुंचाएगी कांग्रेस
अहमदाबादPublished: Aug 28, 2019 09:55:19 pm
पदाधिकारियों की बैठक
विधानसभा उपचुनाव को लेकर रणनीति, महात्मा गांधी का संदेश पहुंचाएगी कांग्रेस
अहमदाबाद. गुजरात कांग्रेस के सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों ने मंगलवार को पार्टी के पालडी स्थित राजीव गांधी भवन में बैठक हुई, जिसमें संगठन को मजबूत बनाने पर मंथन हुआ। विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों को रणनीति बनाई गई। वहीं अगले माह महात्मा गांधी की जयंती पर निकाली जानेवाली यात्रा को लेकर भी मंथन किया गया।
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी ने बैठक का नेतृत्व किया। बैठक में पार्टी के शीर्ष नेताओं के अलावा अलग-अलग प्रकोष्ठों के नेता मौजूद थे। बैठक में गुजरात विधानसभा में सात सीटों पर होने वाले को लेकर रणनीति बनाई गई। पदाधिकारियों को एकजुट होकर उपचुनाव प्रचार में जुटने का आह्वान किया गया।
जहां पर लोकसभा चुनाव लडऩे के बाद वे सांसद बने तो उनकी सीटें खाली हो और दो सीटें ऐसी हैं जिसमें कांग्रेस के विधायकों ने पार्टी से बगावत कर इस्तीफा दिया और बाद में भाजपा का दामन थाम लिया। संभवत: अक्टूबर में गुजरात विधानसभा उपचुनाव हो सकते हैं। कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है, जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं वहां वरिष्ठ नेताओं को निरीक्षक की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। साथ ही जिन विधायकों के नजदीकी सीट पर उपचुनाव हैं उनको बूथ मैनेजमेन्ट की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार जिन वरिष्ठ नेताओं को निरीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है उसमें गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी को लूनावाडा, अर्जुन मोढवाडिया को राधनपुर, खेरालू की जिम्मेदारी जगदीश ठाकोर, मधूसूदन मिी को बायड, सिद्धार्थ पटेल को थराद, तुषार चौधरी को मोरवाहडफ और दीपक बाबरिया को अमराईवाडी विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी है। कुछ दिन पूर्व अहमदाबाद में अमराईवाडी विधानसभा क्षेत्र में होने वाल उपचुनाव को लेकर बैठक हुई थी, जिसमें पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं को बूथ संभालने की जिम्मेदारी सौपी गई। कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा, अर्जुन मोढवाडिया, भरतसिंह सोलंकी, मधुसूदन मिी समेत वरिष्ठ नेता महीसागर, मेहसाणा, पाटण, पंचमहाल जिलों में बैठकें कर चुके हैं। जिन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं वहां इन नेताओं ने बैठकें की और कार्यकर्ताओं से प्रत्याशियों को चुनने को लेकर राय भी जानी और उनसे उपचुनाव की तैयारियों में जुटने की अपील की। कांग्रेस इस बार बड़ी ही सूझबूझ के साथ प्रत्याशियों को उतारेगी। यही नहीं उपचुनाव में उन कार्यकर्ताओं को ही टिकट में प्रमुखता देगी, जो स्थानीय होंगे और पार्टी के समर्पित होंगे।