सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भावनगर में एक परिजन ने उन्हें बताया कि एक सरकारी स्कूल बंद किया जा रहा है। गुजरात के शिक्षामंत्री जीतू वाघाणी के परिजन का प्राइवेट स्कूल है। वह अच्छे से चल रहा है। यह दर्शाता है कि या तो बीजेपी की सरकारी स्कूलों को अच्छे से चलाने की मंशा नहीं है या फिर योग्यता नहीं है। क्योंकि 13 हजार स्कूलों में यहां कंप्यूटर नहीं हैं। 700 स्कूल में सिर्फ एक शिक्षक ही पढ़ाते हैं।
सिसोदिया ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज राजनीति में शिक्षा पर चर्चा हो रही है। वे गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और शिक्षामंत्री जीतू वाघाणी को न्योता देते हैं कि दिल्ली आइए। देखिए, 5 साल में वहां बहुत काम हुआ है। शायद कुछ आपको भी समझ आए। कैसे स्कूल ठीक किए जा सकते हैं। सिसोदिया ने मीडिया को भी दिल्ली के सरकारी स्कूल देखने आने का न्योता दिया।
मनीष सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा कि उनके गुजरात के सरकारी स्कूलों के दौरे करने से भाजपा बौखला गई। उन्होंने दिल्ली में तमाम सांसद उतार दिए कहा जाओ ढूंढो कुछ तो मिलेगा। सभी थक गए कुछ नहीं मिला। कमियां मिली तो यह कि कहीं प्लास्टर रिपेयर होना है, टाइल्स टूटी है, डेंटिंग-पेंटिंग का काम चल रहा है। व्हाइट वॉश पुरानी हो गई है उसकी फोटो खींच लाए। एक सरकारी स्कूल ऐसा नहीं मिला जिसमें बोर्ड नहीं है। पढ़ाने की, पानी की व्यवस्था नहीं है। गर्व है। पांच साल में केजरीवाल सरकार ने वो कर दिखाया जो भाजपा 27 साल में नहीं कर पाई।
उन्होंने दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से गुजरात के भावनगर जिले के दो सरकारी स्कूलों का दौरा करने के बाद स्कूलों की स्थिति के साझा किए गए फोटो पर ट्वीट करते हुए यह प्रतिक्रिया दी।