गुजरात की राजनीति में आंदोलन के चलते उभरे तीनों ही नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी ने गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में जीत दर्ज करने में सफलता पाई है।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे हार्दिक पटेल ने जहां अहमदाबाद जिले की वीरमगाम सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होकर चुनाव लडऩे के चलते उनका काफी विरोध भी हो रहा था, लेकिन उन्होंने 51707 मतों के अंतर से जीत दर्ज की है। दिलचस्प बात यह है कि वीरमगाम सीट पर उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के लाखा भरवाड़ नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के अमरसिंह ठाकोर रहे। हार्दिक की जीत के लिए उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विरमगाम में रोड शो किया था।
शराब विरोधी अभियान व ठाकोर समुदाय के नेता अल्पेश ठाकोर ने भी आखिरकार गांधीनगर दक्षिण सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के हिमांशु पटेल को 43064 वोटों से मात दी है। उनका भाजपा के अंदर ही भारी विरोध हो रहा था। लेकिन अंतिम सात दिनों में भाजपा ने स्थिति संभाल ली। 2017 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर राधनपुर सीट से जीत दर्ज की थी लेकिन फिर वे भाजपा में शामिल हो गए थे, हालांकि उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
उना दलित कांड से चर्चा में आने वाले दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने वडगाम सीट से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व विधायक मणिलाल वाघेला को शिकतस्त दी है। पिछले चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे हार्दिक पटेल ने जहां अहमदाबाद जिले की वीरमगाम सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होकर चुनाव लडऩे के चलते उनका काफी विरोध भी हो रहा था, लेकिन उन्होंने 51707 मतों के अंतर से जीत दर्ज की है। दिलचस्प बात यह है कि वीरमगाम सीट पर उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के लाखा भरवाड़ नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के अमरसिंह ठाकोर रहे। हार्दिक की जीत के लिए उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विरमगाम में रोड शो किया था।
शराब विरोधी अभियान व ठाकोर समुदाय के नेता अल्पेश ठाकोर ने भी आखिरकार गांधीनगर दक्षिण सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के हिमांशु पटेल को 43064 वोटों से मात दी है। उनका भाजपा के अंदर ही भारी विरोध हो रहा था। लेकिन अंतिम सात दिनों में भाजपा ने स्थिति संभाल ली। 2017 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर राधनपुर सीट से जीत दर्ज की थी लेकिन फिर वे भाजपा में शामिल हो गए थे, हालांकि उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
उना दलित कांड से चर्चा में आने वाले दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने वडगाम सीट से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व विधायक मणिलाल वाघेला को शिकतस्त दी है। पिछले चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी।