यह होगा पैमाना उन्होंने कहा कि अकालग्रस्त हालात के किस्सों में जिन तालुका में 10 इंच से कम बारिश हुई हो या फिर जब से राज्य में बारिश का प्रारंभ होता है तब 31 अगस्त तक लगातार 28 दिनों में बारिश नहीं हुई हो तो ऐसे किस्सों में फसलों को नुकसान होने की संभावना होती है। भारी बारिश जैसे हालातों में फसलों को नुकसान होता है, जिसमें यदि दक्षिण गुजरात के भरूच, नर्मदा,तापी, सूरत, नवसारी, वलसाड और डांग में 48 घंटों में 35 इंच या उससे अधिक बारिश हो। जबकि राज्य के अन्य सभी जिलों में 48 घंटों में 25 इंच से ज्यादा बारिश हुई हो तो फसलों के नुकसान का जोखिम होता है। ऐसे किस्सों में किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी। वहीं बेमोसमी बारिश के हालातों की बात की जाए तो यदि 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक 48 घंटों में 50 मिलीमीटर से उससे ज्यादा बारिश हो और फसलों को नुकसान हो तो फसलों के नुकसान का जोखिम होता है। ऐसे किस्सों खातेदार किसान एवं वन अधिकार अधिनियम के तहत खातेदार किसानों को फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि खरीफ फसल में यदि 33 फीसदी से 60 फीसदी तक नुकसान होता है तो चार हेक्टेयर तक प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपए के हिसाब से आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं 60 फीसदी से ज्यादा नुकसान होता है 4 हेक्टेयर तक 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर लाभ दिया जाएगा।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, कृषि मत्री आर.सी. फळदू, कृषि राज्यमंत्री जयद्रथसिंह परमार और मुख्य सचिव अनिल मुकीम मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि खरीफ फसल में यदि 33 फीसदी से 60 फीसदी तक नुकसान होता है तो चार हेक्टेयर तक प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपए के हिसाब से आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं 60 फीसदी से ज्यादा नुकसान होता है 4 हेक्टेयर तक 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर लाभ दिया जाएगा।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, कृषि मत्री आर.सी. फळदू, कृषि राज्यमंत्री जयद्रथसिंह परमार और मुख्य सचिव अनिल मुकीम मौजूद थे।