गुजरात सरकार भूमाफियाओं पर कसेगी शिकंजा
Gujarat government, land grabbing prohibition act, special court, : गुजरात में लागू हुआ 'गुजरात लैंड ग्रैबिंग प्रोहिबिशन एक्ट 2020', विशेष अदालतें बनाकर 6 माह में किया जाएगा केस का निपटारा

गांधीनगर, गुजरात (Gujarat ) के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Chief minister vijay rupani) ने राज्य की सरकारी ज़मीनों, साधारण किसानों, निजी व्यक्ति के स्वामित्व वाली और सार्वजनिक ट्रस्ट या धर्म स्थानों की ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करने वाले भूमाफिय़ाओं (Land grabbing) के विरुद्ध सख्त क़ानून 'गुजरात लैण्ड ग्रैबिंग प्रोहिबिशन एक्ट 2020Ó को बुधवार से लागू कर दिया है।
राज्य मंत्रीमंडल ने गुजरात लैण्ड ग्रैबिंग प्रोहिबिशन विधेयक-2020 को स्वीकृति देने के बाद राज्यपाल की अनुमित मिलते ही यह विधेयक अधिनियम बना और अब रूपाणी सरकार ने इसे राज्यभर लागू कर दिया है। इस अधिनियम की सबसे बड़ी और विशेष बात यह है कि किसी की ज़मीन पर अवैध अतिक्रमण करने वालों या अवैध कब्ज़ा करने वालों को 10 वर्ष से 14 साल तक के कारावास का प्रावधान कया गया है। जनहित में लिया गया गुजरात सरकार (Gujarat government) का यह निर्णय ऐतिहासिक है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने संवाददाताओं से इस नए क़ानून को लेकर कहा कि राज्य में लोगों की, विशेषकर गऱीब एवं आम किसानों की भूमि को भूमाफिय़ाओं द्वारा हड़प लेने की शिकायतें बढ़ रही थीं। इसके चलते यह नया क़ानून लाया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अवैध रूप से जमीन हथियाने वालों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगी। चाहे वह कितना ही बड़ा दबंग, वर्चस्वशाली या प्रभावशाली क्यों न हो। सरकार ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए संकल्पबद्ध है। रूपाणी ने कहा कि यह कानून, भूमाफियाओं के लिए और आपराधिक तत्वों के लिए एक बहुत बड़ा सबक साबित होगा। इस क़ानून के कड़ाई से लागू होने और इसके तहत कड़े दंडात्मक प्रावधानों के कारण अब किसानों या आम लोगों की मूल्यवान भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा कब्ज़ा कर लेने की गंभीर घटनाओं पर रोक लगेगी।
नए क़ानून में ये हैं प्रावधान
राज्य सरकार के इस नए क़ानून में दोषी पाए जाने वाले अपराधी को कम से कम 10 वर्ष और अधिक से अधिक 14 वर्ष की क़ैद की सज़ा देने तथा उसकी हथियाई गई सम्पत्ति की जंत्री के मूल्य का दंड वसूलने का प्रावधान किया गया है।
एक्शन में सरकार
यह कानून तत्काल प्रभाव से क्रियान्वित करने के लिए सभी जिलों में कलक्टरों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो किसी की ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करने वालों, फर्र्जी शिकायत करने वालों, किसी की ज़मीन का टाइटल बिगाडऩे की प्रवृत्ति वाले लोगों तथा उनके विरुद्ध प्राप्त शिकायतों की पूर्णत: जांच करेगी।
ये है समिति
जिला कलक्टर की अध्यक्षता वाली इस समिति में अतिरिक्त निवासी कलेक्टर सदस्य सचिव होंगे। जबकि जिला विकास अधिकारी, जिला पुलिस अधीक्षक , महानगर पालिका आयुक्त, पुलिस आयुक्त, नगरीय विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिव होंगे।
राज्य सरकार व जिला कलक्टर ले सकेंगे संज्ञान
इस कानून एक विशेष और अत्यंत कड़ा प्रावधान यह है कि सरकारी ज़मीन हड़पने या अवैध कब्ज़ा करने के मामलों में या किसी अराजकतत्व के ऐसे कृत्य के मामलों में जिला कलक्टर तथा राज्य सरकार को स्वयं संज्ञान (सुओमोटो) लेकर कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। इसके चलते सरकार या कलक्टर अपने स्तर पर राज्य तथा संबंधित जिले में बिना किसी के दबाव के भूमाफियाओं पर कार्रवाई कर सकेंगे। जिला कलक्टर की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक हर 15 दिन में अनिवार्य रूप से होगी। सदस्य सचिव बैठक में समिति को प्राप्त शिकायतें प्रस्तुत करेंगे। उन शिकायतों की जांच सम्बद्ध प्रांत अधिकारी अन्य सक्षम अधिकारी को सौंपेंगे।
छह माह में होगा मामले का निपटारा
इस कानून में दर्ज़ मामलों को तीव्रता से निपटाने के लिए विशेष अदालतें गठित करने का प्रावधान किया गया है। इन विशेष जीएलजीपीए अदालतों में चलने वाले केसों को अधिकतम् 6 माह में निपटान करना होगा। राज्य सरकार प्रत्येक विशेष अदालत में सरकारी वकील की नियुक्ति करेगी। भूमि विवाद की ऐसी शिकायतों में ज़मीन खऱीदने वाले को खऱीदारी के लिए प्राप्त धन का स्रोत भी सिद्ध करना होगा।
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