-कच्छ जिला पहले से ही घोषित
-नर्मदा कैनाल से पाइप के माध्यम से पानी की चोरी से निपटने के लिए कदम उठाने को कहा
3 जिलों की छह तहसील अकालग्रस्त घोषित
अहमदाबाद. राज्य के कच्छ जिले को अकालग्रस्त घोषित किए जाने के बाद राज्य सरकार ने 3 जिलों की छह तहसीलों को भी अकालग्रस्त घोषित किया है। राजस्व मंत्री तथा संबंधित उपसमिति के अध्यक्ष कौशिक पटेल ने बताया कि बनासकांठा जिले की चार तहसीलों-वाव, सूईगाम, थराद व कांकरेज के साथ-साथ पाटण जिले की चाणस्मा तहसील तथा अहमदाबाद जिले की मांडल भी अकालग्रस्त घोषित किया गया है। यह पहली अक्टूबर से अकालग्रस्त घोषित होंगे। इस तरह अब राज्य के चार जिलों में 16 तहसील अकालग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी छह तहसीलों में अब तक 125 मिलीमीटर (पांच इंच) से कम बारिश हुई है। जलापूर्ति, कृषि, श्रम व रोजगार तथा राजस्व विभाग के प्रतिनिधियों वाली उपसमिति की बैठक प्रत्येक बुधवार आयोजित की जाएगी। बैठक में अन्य इलाकों की समीक्षा के बाद निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अकालग्रस्त घोषित इलाकों में समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत जल व चारे की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जाना तथा इन इलाकों में मनरेगा जैसी योजनाओं के तहत रोजगार मुहैया कराना शामिल है। पटेल के मुताबिक नर्मदा कैनाल से पाइप के माध्यम से पानी की चोरी की रिपोर्ट भी उन्हें मिली है। इसे देखते हुए इस मामले में चोरी से निपटने के लिए गृह विभाग व जलापूर्ति विभाग को कदम उठाने को कहा गया है। इससे पहले गत दिनों मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गत दिनों कच्छ जिले के दौरे की समीक्षा के बाद कच्छ जिले को अकालग्रस्त घोषित किया था।
इससे पहले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गत दिनों कच्छ जिले के दौरे की समीक्षा के बाद कहा था कि कच्छ सहित 125 मिलीमीटर से कम बारिश होने वाली तहसीलों में आगामी पहली अक्टूबर से अकाल से निपटने से जुड़ी कार्रवाई आरंभ होगी। सीएम ने गौशाला-पांजरापोलों के तय मानदंडों के आधार पर सब्सिडी और युद्ध स्तर पर अकालग्रस्त इलाकों में पशुओं के रहने के स्थल (कांजी हाउस) खोलने की बात कही थी।