Gujarat: गुजरात में किसान की मृत्यु के बाद बेटियों की संतानों को भी दी जाएगी स्टाम्प ड्यूटी में राहत
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अहमदाबाद
Updated: August 04, 2022 11:10:49 pm
Gujarat govt makes important announcement on stamp duty किसान की मृत्यु के बाद वारिस (उत्तराधिकार) दस्तावेज तैयार करते समय बेटियों की संतानों को भी स्टाम्प ड्यूटी में राहत मिलेगी। वहीं पुन: संशोधित गैर कृषि (एनए) के दौरान पुन: अभिप्राय से भी मुक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने राज्य के सामान्य लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए राजस्व नियमों में नीतिगत महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।
इसमें दान-परोपकार के उद्देश्य से जमीन परिवर्तन, ट्रस्ट को आवंटित सरकारी जमीन के मामले में स्पष्टीकरण, संशोधित गैर-कृषि (रिवाइज्ड एनए) के समय पुनर्विचार से छूट, उत्तराधिकार को लेकर पडऩे वाली मुश्किलों का निवारण और लंबित पट्टों का रजिस्ट्रेशन जैसे महत्वपूर्ण मामलों से संबंधित नियमों में सुधार जैसे अहम निर्णयों का समावेश होता है।
निर्णय के तहत किसान की मृत्यु के बाद वारिस दस्तावेज तैयार करते समय बेटी की संतानों को भी जंत्री की 4.90 फीसदी की स्टाम्प
ड्यूटी के बजाय सिर्फ 300 रुपए स्टैम्प ड्यूटी भरना होगा। साथ ही राज्य सरकार की ओर से ट्रस्ट को आवंटित सरकारी जमीन के किस्से में ट्रस्ट एक्ट की धारा - 36 एवं राजस्व विभाग या सरकार की मंजूरी जरूरी है और प्रिमियम भी जमा कराना होगा।
राजस्व नियमों में जो सुधार किए हैं उसमें अब खेती की जमीन को जब किसी भी सरकारी, अद्र्ध सरकारी, स्थानीय निकायों को भेंट-सौगात पर दी जाएगी तो वर्तमान स्टाम्प
ड्यूटी के बजाय सिर्फ एक हजार रुपए ही स्टाम्प
ड्यूटी चुकानी होगी।
राज्य सरकार ने किसानों के हित में निर्णय किया है। इसके तहत नई शर्त या गणोत धारा के तहत माता-पिता अथवा वारिस हक से मिली जमीन जिसमें सिर्फ बड़े भाई का नाम हो और उनकी मृत्यु के किस्से में राजस्व रिकार्ड में कानूनी कार्रवाई से अन्य भाई -बहनों के नाम भी राजस्व रिकार्ड में दाखिल किए जा सकेंगे। इसके जरिए पारिवारिक विवाद या असमंजसता दूर होगी।
अब, एक उद्देश्य के लिए गैर-कृषि (एनए) भूमि मिलने के बाद अन्य उद्देश्य के लिए गैर-कृषि के आवेदन (रिहायशी से वाणिज्य आदि) के दौरान प्रीमियम, जोनिंग, जीडीसीआर, एनए और शर्त उल्लंघन को छोडक़र अन्य किसी राय की आवश्यकता नहीं होगी। केवल रिवाइज्ड एनए के उद्देश्य की राय ही आवश्यक होगी।
इसके अलावा ग्रामीण या शहरी इलाकों में मकान, फ्लैट, दुकान अथवा कार्यालयों के पेढी नामा (दस्तावेज) को भी आसान बनाया है। इसे पटवारी कर सकेंगे। वहीं कृषि की जमीन गैर कृषि होने के बाद प्रोपर्टी कार्ड नहीं होने के मामले में गैर कृषि आदेश पेश किया जा सकेगा। इसके बाद प्रोपर्टी कार्ड बनाया जा सकेगा।

Gujarat: गुजरात में किसान की मृत्यु के बाद बेटियों की संतानों को भी दी जाएगी स्टाम्प ड्यूटी में राहत
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