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अल्पसंख्यक स्कूलों के मामले की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीमकोर्ट जाएगी सरकार

locationअहमदाबादPublished: May 16, 2019 10:20:30 pm

आरटीई के तहत आवंटित बच्चों को प्रवेश न देने का मामला, करीब 8६ अल्पसंख्यक स्कूलों ने 1630 बच्चों को प्रवेश देने से किया है इनकार

RTE Act

अल्पसंख्यक स्कूलों के मामले की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीमकोर्ट जाएगी सरकार

अहमदाबाद. शिक्षा के मौलिक अधिकार अधिनियम-2009 (आरटीई एक्ट-09) के तहत निजी स्कूलों में गरीब वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों पर गुजरात सरकार की ओर से आवंटित प्रवेश देने से कई अल्पसंख्यक स्कूलों ने स्पष्ट इनकार कर दिया है। ऐसे में राज्य के करीब 1630 ऐसे बच्चे हैं, जिनका भविष्य अधर में लटक गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन बच्चों को अल्पसंख्यक स्कूलों में राज्य सरकार के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से तो प्रवेश आवंटित कर दिया गया है, लेकिन स्कूल उन्हें स्वीकारने को तैयार नहीं हैं। स्कूल खुद के अल्पसंख्यक श्रेणी में होने का हवाला देते हुए प्रवेश देने से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय (गुजरात सरकार ने) सुप्रीमकोर्ट में लंबित अल्पसंख्यक स्कूलों के मामले में जल्द सुनवाई के लिए गुहार लगाने का निर्णय किया है। जल्द ही राज्य सरकार सुप्रीमकोर्ट जाएगी।
अहमदाबाद शहर के मणिनगर इलाके में स्थित एक स्कूल सहित राज्य के ८६ ऐसे स्कूल हैं जिनमें आरटीई एक्ट के तहत आवंटित 1630 के करीब बच्चों को प्रवेश देने से स्कूलों की ओर से इनकार कर दिया गया है। जबकि राज्य के ३२ अल्पसंख्यक स्कूल ऐसे भी हैं, जिन्होंने आरटीई के तहत आवंटित ३७० बच्चों को प्रवेश दिया है।
स्कूलों को हाईकोर्ट से लग चुका है झटका

आरटीई के तहत आवंटित बच्चों को प्रवेश न देने के मामले में बीते वर्ष २०१८ में गुजरात हाईकोर्ट में अल्पसंख्यक स्कूलों को झटका लग चुका है। गुजरात हाईकोर्ट की ओर से स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिन स्कूलों को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा प्राप्त है सिर्फ उन्हीं स्कूलों को आरटीई के तहत प्रवेश न देने की छूट होगी। हालांकि स्कूलों ने इस मामले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने तब तक कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा है। मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है।
दूुसरा चरण सुप्रीमकोर्ट के फैसले बाद!

गुजरात सरकार ने अल्पसंख्यक स्कूलों के मामले की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीमकोर्ट में जाने का फैसला किया है। ऐसे में स्पष्ट है कि अब आरटीई के तहत दूसरे चरण के प्रवेश में देरी हो सकती है। वह अब सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के बाद ही होगा।
सुप्रीमकोर्ट में जल्द सुनवाई की लगाएंगे गुहार

आरटीई एक्ट-2009 के तहत अल्पसंख्यक स्कूलों में आवंटित बच्चों को प्रवेश न देने के मामले में गुजरात सरकार (प्राथमिक शिक्षा निदेशालय) सुप्रीमकोर्ट के दरवाजे खटखटाएगी। सुप्रीमकोर्ट में यह मामला लंबित है। ऐसे में गुहार लगाई जाएगी कि जल्द से जल्द सुनवाई की जाए, ताकि इन बच्चों के भविष्य का फैसला हो सके।
-एम.आई.जोशी, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, गुजरात

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