स्कूलों को हाईकोर्ट से लग चुका है झटका आरटीई के तहत आवंटित बच्चों को प्रवेश न देने के मामले में बीते वर्ष २०१८ में गुजरात हाईकोर्ट में अल्पसंख्यक स्कूलों को झटका लग चुका है। गुजरात हाईकोर्ट की ओर से स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिन स्कूलों को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा प्राप्त है सिर्फ उन्हीं स्कूलों को आरटीई के तहत प्रवेश न देने की छूट होगी। हालांकि स्कूलों ने इस मामले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने तब तक कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा है। मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है।
दूुसरा चरण सुप्रीमकोर्ट के फैसले बाद! गुजरात सरकार ने अल्पसंख्यक स्कूलों के मामले की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीमकोर्ट में जाने का फैसला किया है। ऐसे में स्पष्ट है कि अब आरटीई के तहत दूसरे चरण के प्रवेश में देरी हो सकती है। वह अब सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के बाद ही होगा।
सुप्रीमकोर्ट में जल्द सुनवाई की लगाएंगे गुहार आरटीई एक्ट-2009 के तहत अल्पसंख्यक स्कूलों में आवंटित बच्चों को प्रवेश न देने के मामले में गुजरात सरकार (प्राथमिक शिक्षा निदेशालय) सुप्रीमकोर्ट के दरवाजे खटखटाएगी। सुप्रीमकोर्ट में यह मामला लंबित है। ऐसे में गुहार लगाई जाएगी कि जल्द से जल्द सुनवाई की जाए, ताकि इन बच्चों के भविष्य का फैसला हो सके।
-एम.आई.जोशी, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, गुजरात
-एम.आई.जोशी, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, गुजरात