अदालत पहले ही हार्दिक को इस मामले में सशर्त जमानत दे चुकी है। जमानत की शर्तों में एक शर्त यह भी है कि हार्दिक अदालत की मंजूरी लिए बिना राज्य से बाहर नहीं जा सकते। हार्दिक को वर्ष 2015 में अहमदाबाद से जुड़े राजद्रोह के मामले में मुकदमे की सुनवाई मेें उपस्थित नहीं रहने के कारण गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसमें गिरफ्तारी के बाद अदालत ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दी थी कि बिना अदालत की अनुमति के वे राज्य के बाहर नहीं जा सकते।