सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एम आर शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के मार्फत प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जे बी पारडीवाला ने गुजरात उच्च न्यायालय में न्यायिक अधिकारियों के पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
इस अवसर पर न्यायाधीश शाह ने कहा कि अब पारदर्शिता का युग है। सभी नागरिकों को जानने का अधिकार है कि अदालतों में क्या चल रहा है। उन्होंने कहा कि समय के साथ परिवर्तन जरूरी है और यह दौर परिवर्तन का है। ऐसे में लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से पक्षकारों को उनके केसों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधान न्यायाधीश का सपना है कि न्यायिक प्रक्रिया अब ज्यादा पारदर्शी बने।
इस अवसर पर गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार ने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट के स्वप्निल त्रिपाठी के फैसले के कार्यान्वयन में अग्रणी रहा है जिसने न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता के उपायों का मार्ग प्रशस्त किया। लाइव-स्ट्रीमिंग न केवल पारदर्शिता की दिशा में एक कदम है बल्कि विभिन्न अदालती पदाधिकारियों के लिए प्रशासनिक पक्ष की भी मदद करता है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय के यूट्यूब चैनल में 1.18 लाख सब्सक्राइबर हैं। इस चैनल पर प्रसारित वीडियो से दर्शकों की संख्या अब तक 1.72 करोड़ पहुंच चुकी है।
गुजरात उच्च न्यायालय की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पहले से हो रही है। अब निचली अदालतों के लिए पायलट प्रोजेक्ट आरंभ किया गया है। न्यायिक अधिकारियों के पोर्टल में सभी कम्युनिकेशन को पेपरलेस बनाने की कार्यक्षमता है जो न्यायिक अधिकारियों और गुजरात उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री के बीच न्यायिक अधिकारियों के अवकाश आवेदनों, वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट, खरीद और बिक्री की संपत्ति की सूचना से संबंधित है। पोर्टल में न्यायिक अधिकारियों के लिए अपना स्व-मूल्यांकन ऑनलाइन जमा करने के लिए एक सुरक्षित तंत्र भी है।