हाईकोर्ट के मुताबिक निजी वाहनों या एंबुलेंस में आने वाले प्रत्येक कोरोना मरीजों का उपचार किया जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में अन्य वाहनों या एंबुलेंस से आने वाले मरीज क्या करेंगे। चिकित्सकों को बाहर खड़ी एंबुलेंस या वाहनों में ही मरीजों का उपचार आरंभ करना चाहिए और यह देखा जाना चाहिए कि कौन सा मरीज किस स्थिति में है। मरीजों की स्थिति को देखते हुए अस्पताल में मरीज को दाखिल किया जाना चाहिए। गंभीर मरीज पर पहले ध्यान दिया जाना चाहिए। यदि कोई मरीज घर पर ठीक हो सकता है तो उसे इस तरह की सलाह देनी चाहिए। इससे कम से कम मरीज को आस बंधेगा। साथ ही यह नियम नहीं रखा जाना चाहिए कि 108 से आने वाले मरीजों का ही उपचार किया जाएगा। 108 एंबुलेंस का रिस्पॉंन्स समय भी काफी ज्यादा है। पहले आओ पहले पाओ की स्थिति पर काम नहीं किया जा सकता। क्या अहमदाबाद महानगरपालिका राज्य सरकार के तहत नहीं आती है? मनपा को राज्य सरकार के निर्देश का पालन करना चाहिए।