हालांकि महानगरपालिका ने अपनी इस नीति को सही बताया और कहा कि सेन्ट्रलाइज रजिस्टे्रशन से परेशानी नहीं होती लेकिन खंडपीठ ने कहा कि सेेन्ट्रलाइज सिस्टम पूरी तरह फेल रहा क्योंकि लोगों को 48 घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा। इस नीति के कारण अस्पतालों के बाहर एंबुलेंस की कतारें दिख रही थीं।