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Gujarat high court: गुजरात हाईकोर्ट ने कहा, कोरोना के दौर में फिलहाल अन्य विकल्प नहीं, इसलिए जारी रखनी चाहिए ऑनलाइन शिक्षा

locationअहमदाबादPublished: Aug 05, 2020 09:54:44 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

Gujarat high court, Online education, corona, no alternative, School

Gujarat high court: गुजरात हाईकोर्ट ने कहा, कोरोना के दौर में फिलहाल अन्य विकल्प नहीं, इसलिए जारी रखनी चाहिए ऑनलाइन शिक्षा

Gujarat high court: गुजरात हाईकोर्ट ने कहा, कोरोना के दौर में फिलहाल अन्य विकल्प नहीं, इसलिए जारी रखनी चाहिए ऑनलाइन शिक्षा

अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा कि कोरोना के दौर में फिलहाल हम अनसुलझी स्थिति में हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य के इस संकट की स्थिति में हमारे पास कोई वैकल्पिक शिक्षा प्रणाली नहीं है जिसे अमल में लाया जा सके। इसलिए देश भर में स्कूल और शिक्षक बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्तमान प्रणाली को फिर से डिजाइन करने के लिए पूरी तरह से मेहनत कर रहे हैं।
अमरीका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन की ओर से दक्षिण कोरिया में किए गए विस्तृत अध्ययन के प्रकाशन का हवाला देते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि 9 वर्ष या इससे कम आयु के बच्चे अपने घरों में दूसरों को 5.6 गुणा संक्रमण फैला सकते हैं। वहीं 10 से 19 वर्ष के बच्चे वयस्क से 19 गुणा दर से संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए विज्ञान व इस सांख्यिकी को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को खोलने और वास्तविक रूप से स्कूल खोले जाने का कोई सवाल ही नहीं है। हमारे बच्चों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन शिक्षा को जारी रखा जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन क्लास के मार्फत शिक्षा का प्रबंध करना कठिन है। निजी तौर पर उनके प्रयासों व मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एक पेशेवर के तौर पर उनके समय व सेवा के लिए उन्हें वेतन दिया जाना चाहिए। गुजरात वाली मंडल के अध्यक्ष नरेश शाह ने वकील विशाल दवे व निपुण संघवी के मार्फत याचिकाएं दायर की थी। इसके अलावा स्कूल संचालकों के फेडरेशन व अन्य लोगों ने भी फीस के मुद्दे को चुनौती दी थी।
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