मुख्य न्यायाधीश को जब यह बताया गया कि अहमदाबाद महानगरपालिका ने अहमदाबाद हॉस्पिट्ल्स एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन (एएचएनए) के बेबसाइट को अहमदाबाद महानगरपालिका की वेबसाइट से ङ्क्षलक कर दिया गया है। इस पर इस पर कोर्ट ने कहा कि इसे सिर्फ दिन में दो बार अपडेट किया जाता है जो रियल टाइम डाटा नहीं है। यदि राजकोट, सूरत या अन्य महानगरपालिकाएं रियल टाइम डाटा उपलब्ध करा सकती हैं तो अहमदाबाद महानगपालिका ऐसा क्यों नहीं कर सकती। अहमदाबाद मनपा क्यों इसमें पीछे है?
खंडपीठ ने कहा कि हम ऐसा डेैशबोर्ड चाहते हैं कि जिसमें सभी अस्पतालों के रियल टाइम पर बेड की उपलब्धि की जानकारी मिलती हो। इसमें मरीज के भर्ती और डिस्चार्ज होने पर बेड की उपलब्धता की जानकारी होनी चाहिए। राज्य के सभी 33 जिलों और 8 महानगरपालिकाओं में यह व्यवस्था की जानी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि किसी भी मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भागने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। यदि इस तरह की जानकारी उपलब्ध होगी तो मरीजों को आसानी होगी। यह जानकारी अस्पताल के बाहर या किसी ऐेसे सार्वजनिक स्थल पर भी लगाया जा सकता है।
इस याचिका पर राज्य सरकार से डैशबोर्ड, वैक्सीनेशन सहित अन्य मुद्दों पर आगामी 10 मई तक जवाब देने को कहा गया है। याचिका पर अगली सुनवाई 11 मई को रखी गई है।