खंडपीठ के मुताबिक मेडिकल विशेषज्ञों के मुताबिक सघन वैक्सीनेशन से लोगों की जिंदगी बच सकती है या फिर उन्हें गंभीर अवस्था में जाने से बचाया जा सकता है। इसलिए कोर्ट का यह मानना है कि आम लोगों से जुड़ी जानकारी के लिए केन्द्र सरकार की ओर से कोरोना के टीकाकरण को लेकर अपनाई गई नीति के बारे में बताना चाहिए।
राज्य सरकार से भी पूछा, कितने वैक्सीन की जरूरत होगी? उधर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी जानकारी मांगी है कि राज्य में 60 वर्ष से ज्यादा, 45 से 60 वर्ष तथा 18-44 वर्ष की आयु के बीच कितने लोगों का पूरी तरह टीकाकरण किया गया और कितने लोगों का आंशिक रूप से टीकाकारण किया गया। सभी कैटेगरी के लोगों को पूरी तरह टीका लगाने के लिए कितने वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी?