याचिका में यह दलील दी गई है कि कोरोना का कारण बताकर स्थानीय स्वराज के चुनाव को तीन महीने आगे बढ़ा दिया गया। जबकि दूसरी ओर राज्य विधानसभा की 8 सीटों के लिए उपचुनाव आयोजित किए जा रहे हैं। इन दोनों चुनावों के बीच विरोधाभास है जो अतार्किक व गैरवाजिब है। साथ ही यह निर्णय अंसवैधानिक भी प्रतीत होता है। इसलिए स्थानीय स्वराज के चुनावों की तैयारी आरंभ किए जाने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
वकील के आर कोष्टी ने दायर याचिका में कहा है कि गत 12 अक्टूबर को आयोग ने यह परिपत्र जारी किया। इसमें कहा गया कि चुनाव को तीन महीने आगे बढ़ाया जा रहा है। गुजरात की छह महानगरपालिकाओं का कार्यकाल दस दिसम्बर को पूरा हो रहा है। इसके साथ ही 55 नगरपालिकाओं, 31 जिला पंचायतों व 231 तहसील पंचायतों की अवधि भी इस दौरान ही पूरी हो रही है।