इस पूरे मामले में लोकरक्षक गैरहथियारधारी पुलिस कांस्ेटबल, हथियारधारी पुलिस कांस्टेबल और जेल सिपाही के पुरुष उम्मीदवारों ने वकील आनंद याज्ञिक के मार्फत याचिका दायर की है। इसमें दो से पांच अंकों से चयन से वंचित रह गए पुरुष उम्मीदवारों ने यह याचिका दायर करते हुए गुहार लगाई है कि एलआरडी भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के गत अगस्त महीने में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण राज्य में किस तरह अमल में लाई जा सकती है। यह खंडपीठ की ओर से दिए गए फैसले के खिलाफ है।इसलिए पूरी भर्ती प्रक्रिया रद्द की जानी चाहिए।
भर्ती प्रक्रिया आरंभ होने और पूर्ण होने के करीब हो तब महिला उम्मीदवारों के लिए अंक में रिलेक्सेशन देकर योग्यता को महिलाओं को कट ऑफ मार्क 50 फीसदी रखा गया जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उलट होने के कारण सरकार की यह भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह असंवैधानिक है। भर्ती प्रक्रिया के अंत में महिलाओं के लिए 2500 सीटें की बढ़ोतरी की गई। सुपर न्यूमररी पद खड़ेकर इन पदों को बिना मेरिट की महिला उम्मीदवारों की योग्यता के पैमाने को कम करते हुए जो भर्ती प्रक्रिया की गई वह सेवा कानून के प्रस्थापित सिद्धांतों का उल्लंघन है।
याचिका में यह दावा किया गया कि संविधान की धारा 16 के तहत भर्ती प्रक्रिया में जाति, धर्म, पुरुष व महिला का भेदभाव बिना सरकारी भर्ती करनी होती है।