मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस मेले के आयोजन के संबंध में गांधीनगर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया है। इस उच्चस्तरीय बैठक में यह भी निर्धारित किया गया कि भगवान कृष्ण की भूमि गुजरात और रूक्मिणी जी की भूमि अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वोत्तर को जोडऩे वाले धार्मिक स्थानों के प्रचार-प्रसार को गति दी जाएगी। इसके चलते दोनों राज्यों की कला और संस्कृति का आदान-प्रदान होने से भविष्य में स्थायी रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कृष्ण-रूक्मिणी जी के कथानक तथा प्राचीन व आधुनिक संस्कृति के आपसी आदान-प्रदान से युवा पीढ़ी न सिर्फ अवगत हो बल्कि उसका आनंद उठाए और समझे, इस उद्देश्य से समग्र कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए राज्य सरकार के पर्यटन विभाग को दिशानिर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कृष्ण-रूक्मिणी जी के कथानक तथा प्राचीन व आधुनिक संस्कृति के आपसी आदान-प्रदान से युवा पीढ़ी न सिर्फ अवगत हो बल्कि उसका आनंद उठाए और समझे, इस उद्देश्य से समग्र कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए राज्य सरकार के पर्यटन विभाग को दिशानिर्देश दिया है।
बैठक में हुई चर्चा में कहा गया कि इस मेले का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने से गुजरात के पर्यटन उद्योग को भी गति मिलेगी तथा गुजरात व पूर्वोत्तर राज्यों की कला संस्कृति की विरासत को देखने-समझने का अवसर मिलेगा। बैठक में मुख्य सचिव अनिल मुकीम, उद्योग विभाग सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री मनोज कुमार दास, भारत सरकार तथा गुजरात के वरिष्ठ सचिव सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।