मच्छरजनित रोगों से बचने के उपाय
राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कुछ सतर्कता बरतकर मच्छरजनित रोगों से बचा जा सकता है। मलेरिया फैलाने वाले एनोफिलिस मच्छर स्वच्छ और ठहरे हुए पानी में पनपते हैं। ऐसे में पानी को हमेशा ढंका रखा जा सकता है। घर के आसपास भरने वाले पानी का निराकरण किया जाना चाहिए। यदि आसपास ज्यादा पानी भरा है तो उसमें मच्छरों की ब्रीडिंग की खाने वाली मछली भी छोड़ी जा सकती है। समय-समय पर कीटनाशक का छिडक़ाव, दरवाजों एंव खिड़कियों में ऐसी जाली लगाई जा सकती हैं जिससे मच्छर घर के भीतर न जाए। बच्चों व गर्भवती महिलाएं को सोने के लिए मच्छरदानी का उपयोग किया जाना चाहिए। बुखार आने पर रक्त की जांच, मलेरिया के पुष्टि होने पर तत्काल उपचार शुरू किया जाना चाहिए। मच्छर जनित रोगों का उपचार और जांच सरकारी अस्पतालों में निशुल्क होता है।
राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कुछ सतर्कता बरतकर मच्छरजनित रोगों से बचा जा सकता है। मलेरिया फैलाने वाले एनोफिलिस मच्छर स्वच्छ और ठहरे हुए पानी में पनपते हैं। ऐसे में पानी को हमेशा ढंका रखा जा सकता है। घर के आसपास भरने वाले पानी का निराकरण किया जाना चाहिए। यदि आसपास ज्यादा पानी भरा है तो उसमें मच्छरों की ब्रीडिंग की खाने वाली मछली भी छोड़ी जा सकती है। समय-समय पर कीटनाशक का छिडक़ाव, दरवाजों एंव खिड़कियों में ऐसी जाली लगाई जा सकती हैं जिससे मच्छर घर के भीतर न जाए। बच्चों व गर्भवती महिलाएं को सोने के लिए मच्छरदानी का उपयोग किया जाना चाहिए। बुखार आने पर रक्त की जांच, मलेरिया के पुष्टि होने पर तत्काल उपचार शुरू किया जाना चाहिए। मच्छर जनित रोगों का उपचार और जांच सरकारी अस्पतालों में निशुल्क होता है।
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया होने पर मरीज को कंपकपी के साथ सर्दी लगती है और उसके बाद आठ से 12 घंटे तक तीव्र बुखार आता है। यह बुखार प्रतिदिन के अलावा एक दिन छोडकऱ भी आ सकता है। इसके अलावा सिर में दर्द, उबका आना और शरीर में दर्द भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
मलेरिया होने पर मरीज को कंपकपी के साथ सर्दी लगती है और उसके बाद आठ से 12 घंटे तक तीव्र बुखार आता है। यह बुखार प्रतिदिन के अलावा एक दिन छोडकऱ भी आ सकता है। इसके अलावा सिर में दर्द, उबका आना और शरीर में दर्द भी इसके लक्षण हो सकते हैं।