Gujarat पशु नियंत्रण विधेयक रद्द करने की मांग को लेकर पशुपालकों का आंदोलन का ऐलान
Gujarat maldhari mahapanchayat, Gujarat Cattle Control (Keeping and Moving) In Urban Areas Bill, BJP, CM bhupendra patel -गुजरात मालधारी महापंचायत की बैठक के बाद घोषणा, 18 को राज्यभर में देंगे धरना, 19 से सत्याग्रह छावनी में आमरण अनशन
अहमदाबाद
Published: April 11, 2022 09:01:53 pm
अहमदाबाद. गुजरात सरकार की ओर से शहरों में पशुओं को रखने के लिए लाए गए पशु नियंत्रण विधेयक को स्थगित किए जाने की घोषणा के बावजूद भी राज्य में इस विधेयक के विरोध को लेकर आंदोलन के आसार हैं। पशुपालकों की ओर से इस विधेयक को रद्द करने की मांग की गई है।
गुजरात मालधारी महापंचायत की इस विधेयक के संबंध में गांधीनगर के शेरथा स्थित वडवाला मंदिर में सोमवार को बैठक में इस पर चर्चा की गई। इसे रद्द करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बनाई गई।
बैठक में कांग्रेस के विधायक रघु देसाई, लाखा भरवाड़ सहित मालधारी (पशुपालक) समाज के कई वरिष्ठ नेता व पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के बाद विधायक रघु देसाई ने संवाददाताओं को बताया कि सोमवार को गुजरात मालधारी महापंचायत की बैठक हुई।
जिसमें चर्चा की गई कि एक ओर तो मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल पशु नियंत्रण विधेयक को स्थगित रखने की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल की ओर से इसे द्र्द किए जाने की बात कही जा रही है। सरकार और संगठन के बीच समन्वय न होने के चलते विरोधाभासी बयान से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसा पशुपालकों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है।
ऐसे में समाज की बैठक में निर्णय किया गया है कि 18 अप्रेल को राज्यभर में सभी जिलों में मालधारी समाज (पशुपालकों) की ओर से इस विधेयक को रद्द करने की मांग को लेकर सुबह 11 बजे से दोपहर चार बजे तक प्रतीक धरना दिया जाएगा। उसके बाद 19 अप्रेल से गांधीनगर स्थित सत्याग्रह छावनी में 11 प्रतिनिधि आमरण अनशन पर बैठेंगे।
उन्होंने मांग की कि जब तक राज्य सरकार आधिकारिक रूप से लिखित में यह नहीं देती है कि आगामी विधानसभा सत्र में इस पशु नियंत्रण विधेयक को द्र््द किया जाएगा तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
विधायक लाखा भरवाड़ ने कहा कि इस विधेयक के विरोध में पशुपालक समाज को राज्य के सभी समाजों से सहयोग मिल रहा है। विधेयक को रद्द नहीं किए जाने तक अलग-अलग कार्यक्रम किए जाएंगे।
ज्ञात हो कि हाल में संपन्न विधानसभा के बजट सत्र में गुजरात सरकार ने गुजरात शहरी क्षेत्र पशु नियंत्रण (रखना और घुमाना) विधेयक 2022 पारित किया है। इसके तहत शहरों में पशु रखने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके बिना पशु रखने पर भारी भरकम अर्थदंड और सजा का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक पशु पर आरएफआईडी टैग लगाने भी अनिवार्य हैं। अनिवार्य पंजीकरण और भारी अर्थदंड तथा सजा के प्रावधान का पशुपालकों ने कड़ा विरोध किया है।

Gujarat पशु नियंत्रण विधेयक रद्द करने की मांग को लेकर पशुपालकों का आंदोलन का ऐलान
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