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अहमदाबाद

Gujarat: मास्क नहीं पहनने पर कोविड सेन्टर में सेवा कराने का मामला, गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

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अहमदाबादDec 03, 2020 / 11:02 pm

Uday Kumar Patel

Gujarat:  मास्क नहीं पहनने पर कोविड सेन्टर में सेवा कराने का मामला,  गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

Gujarat: मास्क नहीं पहनने पर कोविड सेन्टर में सेवा कराने का मामला, गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

अहमदाबाद. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार को सार्वजनिक रूप से मास्क नहीं पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों को अनिवार्य रूप से कोविड केयर सेन्टर में कम्युनिटी सेवा के लिए भेजे जाने को कहा था। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने गुजरात सरकार को केन्द्र सरकार के मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के कोविड गाइडलाइन की सख्त पालना की बात कही।
गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसले में राज्य सरकार से कहा था कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की पालना नहीं करने वालों से कोविड केयर सेन्टर में 5 से लेकर 15 दिनों तक हर दिन 4 से 5 घंटे की गैर मेडिकल ड्यूटी लगाई जाए। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायाधीश जे बी पारडीवाला की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस संबंध में पॉलिसी बनाने और अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया था।
इसके अगले ही दिन यानी गुरुवार को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची। हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह दलील दी कि हाईकोर्ट के आदेश की पालना नहीं हो सकती क्योंकि सारी मशीनरी इन दिनों कोरोना के नियंत्रण को लेकर लगी हुई है। कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों को कोविड सेन्टर में भेजने से संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अशोक भूषण, न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी व न्यायाधीश एम आर शाह की खंडपीठ ने विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की सोच सही है लेकिन यह आदेश अनुचित व कठोर है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक पूरे देश में लोग कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। सब्जी बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना करते दिख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशासन को सख्ती से कोविड गाइडलाइन का पालन करवाना चाहिए। विवाह समारोह और रैलियों में सैंकड़ों लोग देखे जा सकते हैं।
गुजरात हाईकोर्ट के इस निर्देश पर राज्य सरकार ने यह बयान दिया था कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी में इस आदेश को लागू करने को लेकर रणनीति बनेगी। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।
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