सरकारी मेडिकल शिक्षकों की हड़़ताल खत्म,१४ में से 11 मांगें मानी
अहमदाबाद. लंबित मांगों को लेकर कोरोना महामारी के बीच हड़ताल पर उतरे राज्य के सरकारी मेडिकल शिक्षकों की 14 में से 11 मांगें राज्य सरकार ने स्वीकार कर लीं, जिससे हड़ताल खत्म हो गई है।
गृहराज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाड़ेजा ने शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल के साथ उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा के बाद यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकारी मेडिकल शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के तहत एनपीए का लाभ दिया जाएगा। अन्य मांगें हैं उनको लेकर भी सरकार सकारात्मक है।
कोरोना महामारी के दौर में मेडिकल शिक्षकों के प्रभावी कार्य को देखते हुए यह निर्णय किया है। अभी एडहॉक मेडिकल शिक्षकों की विनियमित सेवा को स्थाई प्रस्ताव जारी कर नियमित किया जाएगा। जो नियमित तौर पर सेवारत हैं और उच्च वर्ग में एडहॉक स्तर पर कार्यरत हैं ऐसे शिक्षकों की सेवाओं को भी विनियमित किया जाएगा। इतना ही नहीं नियमित नियुक्ति से सेवारत शिक्षकों की पहले की एडहॉक सेवा को विनियमित करके मौजूदा नियमित सेवा के साथ, अवकाश वेतन और पेंशन के लिए निरंतर ध्यानार्थ लिया जाएगा।
सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों को अलग-अलग विषय संवर्ग में गुजरात लोग सेवा आयोग की मंजूरी की अपेक्षा से काम चलाऊ स्तर पर छह महीने या एक साल के लिए पदोन्नति दी गई है। ऐसे सभी शिक्षकों की कामचलाऊ पदोन्नति को आगे भी जारी रखा जाएगा। कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत उच्चतर वेतनमान के लिए भी आदेश जारी किए जाएंगे।
सह प्राध्यापक और प्राध्यापक का उच्चतर वेतन मान पाने वाले शिक्षकों को संबंधित जगह का अलग से नाम दिया जाएगा, जिससे पीजी स्तर की बैठकों में वृद्धि होगी। इसी प्रकार से शिक्षकों की डीपीसी के तहत भी पदोन्नति के तत्काल आदेश जारी किए जाएंगे। बाकी रहे ट्यूटरों को भी सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन का लाभ एक जनवरी २०१६ से स्वीकृत किया जाएगा। जीपीएससी और डीपीसी नियमित हर साल की जाएगी। शिक्षकों की मौजूदा सेवाओं के साथ इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के अलग अलग शाखाओं में किए गए एडहॉक कार्य को भी जीपीएससी सेवाओं के लिए निरंतर गिना जाएगा। उच्चतर वेतनमान के आदेश भी प्रति दो महीने में हो यह सुनिश्चित किया जाएगा। इन स्वीकृत मांगों का विस्तृत प्रस्ताव एक सप्ताह में जारी किया जाएगा।