इसके तहत एमएसएमई ईकाइयों की ओर से ऋण के लिए 1 लाख 63 हजार 30 आवेदन आए थे। इनमें से 1 लाख 62 लाख 245 आवेदनों को मंजूर किया गया। अब तक कुल 67609 इकाइयों को 8 लाख 88 हजार 607 लाख की ऋण मंजूर की गई। इनमें से 5 लाख 25 हजार 868 लाख का ऋण वितरित कर दिया गया है। इन औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन भी आरंभ हो गया है जो आत्मनिर्भर गुजरात की दिशा दिखाता है।
मंत्री पटेल ने बताया कि ऋण मंजूर करने के मामले में गुजरात पहले नंबर पर है वहीं ऋण वितरित करने के मामले में तीसरे स्थान पर है। आत्मनिर्भर नीति का लाभ गुजरात के करीब आठ लाख से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों को मिलता है।
इसके अलावा गृह, कुटीर उद्योगों व सर्विस सेक्टर से जुड़े 30 लाख से ज्यादा इकाइयों के लाभान्वित होने पर इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से गत 12 मई को आत्मनिर्भर योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत एमएसएमई उद्योगों को गति देने के लिए कैश फ्लो, रोजगार सहित लगातार काम बरकरार रखने के लिए बाजार में विविध रूप से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष वित्तीय निवेश के रूप में मदद की जा रही है।
इस अवसर पर स्वर्णिम गुजरात 50 मुद्दा अमलीकरण समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष आई.के. जाडेजा ने कहा कि आत्मनिर्भर पैकेज का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल के सूत्र अपनाने के आह्वान से राज्य के स्थानीय उद्योगों को और बल मिलेगा और इस क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा।
इसके अलावा गृह, कुटीर उद्योगों व सर्विस सेक्टर से जुड़े 30 लाख से ज्यादा इकाइयों के लाभान्वित होने पर इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से गत 12 मई को आत्मनिर्भर योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत एमएसएमई उद्योगों को गति देने के लिए कैश फ्लो, रोजगार सहित लगातार काम बरकरार रखने के लिए बाजार में विविध रूप से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष वित्तीय निवेश के रूप में मदद की जा रही है।
इस अवसर पर स्वर्णिम गुजरात 50 मुद्दा अमलीकरण समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष आई.के. जाडेजा ने कहा कि आत्मनिर्भर पैकेज का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल के सूत्र अपनाने के आह्वान से राज्य के स्थानीय उद्योगों को और बल मिलेगा और इस क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा।