खुशी ने सिर्फ चार वर्ष में स्कैटिंग ( skatting) करना प्रारंभ किया था। बाद में उन्होंने राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीयस्तर की कई आर्टिस्टिक रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप में भाग लिया। वे कई प्रतिस्पद्र्धा जीती चुकी हैं। खुशी ने अब तक राष्ट्रीयस्तर पर सात गोल्ड मेडल, 4 सिल्वर मेडल, 2 ब्रांज मेडल हासिल किए हैं। राज्यस्तरीय पच्चीस गोल्ड मेडल और चार सिल्वर मेडल हासिल किए हैं। वर्ष 2010 से खुशी इस खेल में निरंतर स्टेट चेम्पियन हैं।
खुशी ने वर्ष 2016 में सिर्फ 13 वर्ष में चीन के लिशुई में आयोजित 17वीं एशियन रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप में भाग लिया था। इस स्पद्र्धा में खुशी ने भारत का प्रतिनिधत्व किया था। उन्होंने अपनी प्रथम अंतरराष्ट्रीय स्पद्र्धा में ही तीन गोल्ड मेडल हासिल कर इतिहास रचा था, जो महिला स्केटिंग क्षेत्र में में एक मिसाल रही। वर्ष 2018 में दक्षिण कोरिया के नामवॉन में आयोजित 18वीं एशियान रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप में खुशी भारतीय टीम का हिस्सा बनी। वे अडर-19 आयु वर्ग में सबसे छोटी प्रतिभागी थी।
खुशी ने वर्ष 2016 में सिर्फ 13 वर्ष में चीन के लिशुई में आयोजित 17वीं एशियन रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप में भाग लिया था। इस स्पद्र्धा में खुशी ने भारत का प्रतिनिधत्व किया था। उन्होंने अपनी प्रथम अंतरराष्ट्रीय स्पद्र्धा में ही तीन गोल्ड मेडल हासिल कर इतिहास रचा था, जो महिला स्केटिंग क्षेत्र में में एक मिसाल रही। वर्ष 2018 में दक्षिण कोरिया के नामवॉन में आयोजित 18वीं एशियान रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप में खुशी भारतीय टीम का हिस्सा बनी। वे अडर-19 आयु वर्ग में सबसे छोटी प्रतिभागी थी।
गर्व और सम्मान का अनुभव खुशी कहती हैं कि वे जब भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं तो सम्मान, गर्व, देशभक्ति, खुशी और जिम्मेदारी का एहसास का अनुभव होता है। भारत से अंतरराष्ट्रीय स्पद्र्धा में भाग लेना अत्यंत रोमांचकारी था।
स्केटिंग को लेकर खुशी कहती हैं किस्केटिंग में निरंतर मेहनत, सतर्कता और कुछ न कुछ नया करना पड़ता है। खुशी को स्केटिंग के लिए विभिन्न विषयों परकविताएं और निबंध लिखना पसंद है।
स्केटिंग को लेकर खुशी कहती हैं किस्केटिंग में निरंतर मेहनत, सतर्कता और कुछ न कुछ नया करना पड़ता है। खुशी को स्केटिंग के लिए विभिन्न विषयों परकविताएं और निबंध लिखना पसंद है।