जो पांच इमारतें हैं उनमें महीसागर जिले की लुणावाडा तहसील में कलेश्वरी, कच्छ जिले की नखत्राणा तहसील में पुअरेश्वर मंदिर, सुरेन्द्रनगर जिले की चोटीला तहसील में तरणेतर मंदिर, जूनागढ जिले वेरावल-पाटण के प्रभासपाटण में प्राचीन जैन मंदिर, राजकोट के गोंडल में बौद्ध गुफाए हैं। प्रत्येक संरक्षित इमारतों का एक -एक करोड़ रुपए की लागत से इमारत का संरक्षण, जीणोद्धार, परिसर विकास, पौधारोपण, सौंदर्यीकरण, और पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। गौरतलब है कि राज्य में 362 संरक्षित इमारतें हैं, जिनका रखरखाव व मरम्मत की जिम्मेदारी पुरातत्व व संग्रहालय निदेशक कार्यालय की ओर की जाती है। ऐतिहासिक एवं पुरातत्व रूप से महत्वपूर्ण इन पांच इमारतों में प्रत्येक इमारत को एक-एक करोड़ रुपए दिए जाएंगे।