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Gujarat: गुजरात में नॉन वेज के ठेले लगाने पर असमंजस बरकरार

locationअहमदाबादPublished: Nov 23, 2021 08:59:05 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

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Gujarat: गुजरात में नॉन वेज के ठेले लगाने पर असमंजस बरकरार,Gujarat: गुजरात में नॉन वेज के ठेले लगाने पर असमंजस बरकरार

उदय पटेल

अहमदाबाद. गुजरात के महानगरों में अंडे व नॉन वेज के ठेलों को सार्वजनिक जगहों पर लगाने को लेकर इन दिनों असमंजस की स्थिति है।
कुछ दिनों पहले राज्य में राजकोट, वडोदरा, जूनागढ़ व अहमदाबाद महानगर पालिका की ओर से राज्य सरकार को विश्वास को लिए बिना ही नॉन-वेज व अंडे के ठेले के खिलाफ कार्रवाई का नीतिगत निर्णय लिया गया। राज्य सरकार के कड़े रवैए के बाद महानगरपालिकाओं को इसे वापस लेना पड़ा।
पहले मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने यह कहा था कि कोई भी कुछ भी खा सकता है। इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल ने सीएम के बयान का समर्थन करते हुए कहा था कि अंडे व नॉनवेज के ठेलों वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।
फिलहाल इसे ठंडे बस्ते में डाल लिया गया। हालांकि अब भी नॉनवेज ठेेले लगाने वाले लोगों के बीच इसे लेकर डर की स्थिति बनी हुई है।
अहमदाबाद में करीब छह हजार अंडे व नॉन-वेज ठेले हैं। इस पर कई लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी है। शहर में ऐसे कई ठेले वालों ने कहा कि इस तरह के निर्देश की कोई जरूरत नहीं थी।
वडोदरा शहर में इस तरह के करीब 3 हजार ठेले हैं। यहां के ज्यादातर ठेले वालों में भी किसी समय भी कार्रवाई का खौफ बना हुआ है।
डर बना हुआ

वडोदरा महानगरपालिका की ओर से अंडे-नॉन वेज ठेलों को हटाने का निर्देश उचित नहीं था। हालांकि फिलहाल कार्रवाई रूक चुकी है। लेकिन अभी भी इस संबंध में एक तरह का डर बना हुआ है।
मोईन खान, वडोदरा


यातायात संचालन को अवरोध होने वाले हर ठेले वाले पर कार्रवाई हो सकती है चाहे वह नॉनवेज हो सामान्य।

अमित अरोड़ा, मनपा आयुक्त, राजकोट

रोजी-रोटी का सवाल

हमने इस मुद्दे का बहुत विरोध किया। यह रोजी रोटी का सवाल है।
अब यह मुद्दा खत्म हो चुका है। राज्य सरकार अब चुप हो गई है। ऐसे लारी वालों को अब डरने की जरूरत नहीं है। अब स्थिति पूर्ववत हो गई है।
अशोक पंजाबी, अध्यक्ष, लारी गल्ला लड़त समिति, अहमदाबाद

अब कोई कार्रवाई नहीं

अंडे-नॉनवेज ठेले के खिलाफ अब किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब यह मुद्दा पूरी तरह शांत हो चुका है। सिर्फ ट्रैफिक के अड़चन वाली स्थिति में ही ऐसी कार्रवाई हो सकेगी।
देवांग दाणी, चेयरमैन, टाउन प्लानिंग, अहमदाबाद महानगरपालिका

आम जनता के खिलाफ फैसला

यह फैसला आम जनता के खिलाफ लिया गया है। यह पूरी तरह से असंवैधानिक निर्णय है। अब ठेले वालों को कि डर नहीं रखना चाहिए।
शमशाद पठाण, शहर अध्यक्ष, एआईएमआईएम

४० फीसदी गुजराती नॉन-वेजिटेरियन

२०१४ के सैम्पल सर्वे डाटा के मुताबिक गुजरात में करीब 40 फीसदी लोग मांसाहारी हैं। हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक इस संख्या में जरूर वृद्धि हुई होगी। गुजरात राजस्थान, हरियाणा व पंजाब से ज्यादा नॉन-वेजिटेरियन है।
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