Gujarat: Pakistan से वापस लौटी महिला को मिली Indian Citizenship, 1999 में किया था विवाह, पति की मौत के बाद India वापस लौटी
अहमदाबादPublished: Dec 20, 2019 12:03:35 am
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Gujarat: Pakistan से वापस लौटी महिला को मिली Indian Citizenship, 1999 में किया था विवाह, पति की मौत के बाद India वापस लौटी
अहमदाबाद/जामनगर. एक तरफ जहां देश के कई स्थलों पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध चल रहा है वहीं पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों में खुशी का माहौल है। इन दिनों जब इस कानून को लेकर काफी जोर-शोर से चर्चा जारी है तब इन्हीं परिस्थतियों के बीच पाकिस्तान से वापस आई एक महिला को भारत की नागरिकता दी गई है।
हसीनाबेन अब्बासअली वरसारीय (31) गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले के भाणवड तहसील में जन्मी और पली-बढ़ीं। उन्होंने वर्ष 1999 में पाकिस्तानी युवक से विवाह कर लिया। विवाह के बाद वह पाकिस्तान चलीं गई और उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकता प्राप्त कर ली। उन्होंने अपना वैवाहिक जीवन वहीं बिताया। उनके पति की मौत के बाद हसीनाबेन ने भारत वापस लौटने का फैसला किया। दो वर्ष पहले उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया। केन्द्र सरकार ने विचार करने के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की। देवभूमि द्वारका के जिला कलक्टर डॉ नरेन्द्र कुमार मीणा ने हसीनाबेन को भारतीय नागरिकता प्रदान की और भारतीय संविधान के प्रति वफादार रहने की शपथ भी दिलाई।
एक अनुमान के अनुसार गुजरात में पाकिस्तान से आए करीब 10 हजार हिन्दू शरणार्थी रह रहे हैं। इनमे से कुछ को जहां भारतीय नागरिकता मिल गई है वहीं कईयों को अभी तक नहीं मिल सकी है। कई लोग दीर्घकालीन वीजा (एलटीवी) पर यहां रह रहे हैं।
नागरिकता संशोधन कानून से पहले यह नियम था कि 11 वर्ष तक भारत में रहने वाले शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलती थी वहीं संशोधित कानून के बाद अब पांच वर्ष तक भारत में रहने वाले शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। गुजरात के कुछ शहरों में पाकिस्तान के हिन्दू शरणार्थी रहते हैं। इनकी संख्या राजकोट, कच्छ, जामनगर तथा उत्तर गुजरात में ज्यादा है।