सिसोदिया ने आरोप लगाया कि पिछले 27 सालों से सत्ता में होने के बावजूद गुजरात के सरकारी स्कूलों की बेहतरी के लिए भाजपा सरकार की ओर से कुछ नहीं किया क्योंकि शिक्षा कभी भाजपा के राजनीतिक विजन व एजेंडे का हिस्सा ही नहीं रहा। इसी का नतीजा है कि गुजरात के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे व पढ़ाने वाले शिक्षक खुद को दोयम दर्जे का महसूस करते है।