यह हैं लक्षण न्यूमोकोकल निमोनिया एक तीव्र श्वसन संक्रमण रोग है, जिसमें फेफड़ों में जलन होती है और कफ जम जाता है। खांसी, सीने में भीतर की ओर खिंचाव, सांस लेने में दिक्कत, तीव्र सांस और गले में खराश इस रोग के मुख्य लक्षण हैं। यदि शिशु इस रोग से गंभीर रूप से बीमार है तो उसे खाने-पीने में कठिनाई होती है, दौरे पड़ सकते हैं या वह बेहोश हो सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है। न्यूमोकोकल संक्रमण के कारण मेनेन्जाइटिस, सेप्टीसीमिया और निमोनिया जैसे गंभीर रोगों के साथ-साथ साइनोसाइटिस जैसे रोग भी हो सकते हैं।
बच्चों की मृत्युदर रोकने में उपयोगी वैक्सीन भारत में न्यूमोकोकल निमोनिया के कारण वर्ष 2010 में पांच वर्ष से कम उम्र के लगभग 1 लाख बच्चों और वर्ष 2015 में लगभग 53 हजार बच्चों की मौत हुई थी। न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर को कम करने में उपयोगी सिद्ध होगी।
पीसीवी का टीकाकरण बच्चों में न्यूमोकोकल रोग के कारण होने वाले रोगों और मृत्यु को रोकता है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों में गंभीर न्यूमोकोकल रोग का खतरा रहता है लेकिन इसका सर्वाधिक खतरा एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों में रहता है। पीसीवी टीकाकरण शिशुओं की रक्षा करने के साथ ही बच्चों में न्यूमोकोकल रोग के खतरों को भी कम करेगा।