रूपाणी ने कहा कि 15 मार्च तक राज्य के सभी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 41 हजार बेड थे, जिसकी संख्या बढ़ाकर आज लगभग 80 हजार की गई है। लेकिन लगातार बढ़ते संक्रमण और मामलों के कारण यह व्यवस्था भी अपर्याप्त साबित हो रही है। समूची परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए कोर कमेटी की बैठक में यह निर्णय किया गया है कि राज्य के सभी निजी अस्पताल, क्लीनिक, दवाखानों और नर्सिंग होम के डॉक्टर अपने अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का उपचार कर सकेंगे।