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गुजरात के विधायकों का वेतन 45 हजार बढ़ा

locationअहमदाबादPublished: Sep 20, 2018 12:08:06 am

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

मुद्दों पर मतभेद, वेतन पर हुए एक : मात्र आधे घंटे में सर्वसम्मति से विधेयक पारित, विधायकों का वेतन 70,727 से बढक़र हुआ 1,16,316, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, विपक्ष के नेता का 86,804 से 1,32,395 रुपए, दैनिक भत्ता 200 से 1,000 रुपए, 22 दिसम्बर 2017 से रहेगा मान्य

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गुजरात के विधायकों का वेतन 45 हजार बढ़ा

गांधीनगर. एक तरफ जहां महंगाई की मार से जनता जूझ रही है। वहीं जनता के प्रतिनिधियों ने अपने वेतन-भत्तों में खुद ही बढ़ोतरी कर ली है। गुजरात के विधायकों का वेतन-भत्ता 41 से 45 हजार रुपए तक बढ़ा दिया गया है। अब गुजरात के विधायकों का वेतन 70,727 की बजाय 1 लाख 16 हजार 316 रुपए महीना हो गया है। राज्य विधानसभा में बुधवार को सत्ता पक्ष व विपक्षी कांग्रेस विधायकों की सर्वसम्मति से इस संबंध में पेश संशोधित विधेयक पारित कर दिया गया।
मानसून सत्र के दूसरे व अंतिम दिन संसदीय कार्य राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने यह विधेयक पेश किया। सिर्फ आधे घंटे में ही इस विधेयक को विपक्ष के विधायकों की सहमति से पारित किया गया। राजनीति में विभिन्न मुद्दों पर भारी विरोध के बावजूद वेत्तन बढ़ोतरी को लेकर किसी भी विपक्षी विधायकों ने कोई विरोध नहीं किया।
41 से 45 हजार तक बढ़ाया :
विधेयक पारित होने के बाद अब गुजरात के विधायकों का वेतन 70,727 से बढ़ाकर 1 लाख 16 हजार 316 रुपए महीना कर दिया गया है। वहीं मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विपक्ष के नेता का वेतन सामान्य विधायकों के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा कर दिया गया है। इस तरह विधायकों के वेतन-भत्ते में 41 से 45 हजार तक की बढ़ोतरी कर दी गई है। अब विधायकों को राज्य सरकार के उप सचिव के बजाय नायब सचिव स्तर के वर्ग-1 के अधिकारियों के समकक्ष मूल वेतन मिलेगा।
गुजरात विधानसभा के सदस्यों, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, मंत्रियों व विरोध पक्ष के नेता के वेतन व भत्ते संबंधी कानून (सुधार) विधेयक, 2018 को विधानसभागृह में पेश करते हुए जाडेजा ने बताया कि देश के अन्य राज्यों की विधानसभा के सदस्यों सहित पदाधिकारियों के मुकाबले गुजरात विधानसभा के सदस्यों व पदाधिकारियों को मिलने वाला वेतन व भत्ते अब समान हो गए हैं।
13 वर्ष बाद बढ़ा वेतन-भत्ता :
जाडेजा ने बताया कि वर्ष 2005 के बाद से वेतन-भत्ते में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई थी और अब 13 वर्ष बाद बढ़ाया जा रहा है। विधायकों को जन संपर्क के लिए प्रवास करने पड़ते हैं और कार्यालय खर्च भी बढ़ गया है।
विधायकों को अब तक एकत्रित भत्ते, टेलिफोन भत्ते, निजी सहायक भत्ते, डाक व लेखन सामग्री भत्ते व मूल वेतन 56,100 सहित प्रति माह 70,727 रुपए मिलते थे। अब विधायकों का मूल वेतन 78,800 व भत्तों सहित अब 1,16,316 रुपए हो गया है। इनमें महंगाई भत्ता (एकत्रित भत्ता) 4627 के बदले अब महंगाई भत्ता 5516 रुपए, टेलिफोन भत्ता 4 हजार के बदले 7 हजार रुपए, निजी सचिव भत्ता 3 हजार के बदले 20 हजार, डाक व सामग्री भत्ता 3 हजार के बदले 5 हजार रुपए भी वेतन के साथ कुल 45,589 रुपए मूल वेतन के तौर पर अधिक मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, मंत्रियों व विरोध पक्ष के नेता सहित पदाधिकारियों को प्रति माह 86,904 के बजाय अब 1 लाख 32 हजार 395 रुपए मिलेंगे। यानी प्रति माह 45,591 रुपए अधिक मिलेंगे।
नए प्रावधानों के अनुसार मूल वेतन 70,125 रुपए के स्थान पर 98,500 रुपए, महंगाई भत्ता (एकत्रित भत्ता) 7 हजार के बदले 20 हजार रुपए, वाहन भत्ता 4 हजार के बदले 7 हजार रुपए, महंगाई भत्ता 5,679 के बदले 6,895 रुपए दिए जाएंगे। सदस्य के सिवाय के पदाधिकारियों को प्रति माह 86,904 के बदले नए प्रावधानों के अनुसार प्रति माह 1,32,395 रुपए मिलेंगे। यानी प्रति माह 45,591 रुपए अधिक मिलेंगे।
जाडेजा ने बताया कि सदस्यों को 14वीं विधानसभा की पहली बैठक की तारीख से और पदाधिकारियों को प्रस्तावित भत्ते की वृद्धि का लाभ वर्तमान विधानसभा के गठन की तारीख यानी 22 दिसंबर 2017 से मिलेगा। उन्होंने बताया कि विधानसभा के सदस्यों को वेतन व भत्ते अधिनियम, 1960 की धारा-4 के अनुसार सदस्यों को वर्तमान में दैनिक भत्ता 200 रुपए मिलते हैं, इन्हें बढ़ाकर 1 हजार रुपए करने का प्रावधान किया गया है। विपक्ष के नेता को वर्तमान में प्रति माह डाक खर्च के 1 हजार रुपए मिलते हैं, इन्हें बढ़ाकर 10 हजार रुपए किया जाएगा।

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