शिक्षा सचिव विनोद राव ने अधिसूचना की विस्तृृत जानकारी देते कहा कि राज्य में सभी बोर्ड के प्राथमिक स्कूल अर्थात् कक्षा 6 से 8 तक वर्गखंडों में भौतिक तौर पर शैक्षणिक कार्य (education ) प्रारंभ होगा। इन सभी स्कूलों को कोरोना संक्रमण रोकने के लिए भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में दिशा-निर्देशों का पालन कराना सुनिश्चित करना होगा।
शिक्षा सचिव ने स्पष्टतौर पर कहा कि ऑफ लाइन प्रत्यक्ष शैक्षणिक कार्य में उपस्थिति स्वैच्छिक होगी। वहीं शिक्षा संस्थाओं को विद्यार्थियों से अभिभावकों का सहमति लेना होगा। जो भी विद्यार्थी वर्गखंड शिक्षा में शामिल नहीं होते हैं उनके लिए ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था भी संबंधित स्कूलों और संस्थाओं को जारी रखनी होगी। कोरोना संक्रमित हों ऐसे विद्यार्थी या शिक्षा या अन्य स्टाफ स्कूल में नहीं आएं और जो स्कूल कन्टेनमेन्ट जोन में हों वहां शैक्षणिक कार्य प्रारंभ नहीं करना है। कक्षा 6 से 8 तक वर्गखंडों में विद्यार्थियों के बीच सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखना होगा और प्रत्येक विद्यार्थी या शिक्षक को मास्क अनिवार्य तौर पर पहनना होगा।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण के दौरान भी विद्यार्थियों के हित में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था लागू रखी है। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो उसका विशेष ध्यान रखा है। 11 जनवरी से राज्य में कक्षा 10 से 12 और स्नातक-स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के वर्गखंड प्रारंभ किए गए हैं। राज्य में कक्षा 9 एवं 11 के वर्गखंड 1 फरवरी से पुन: प्रारंभ किए गए और 8 फरवरी से कॉलेज के प्रथम वर्ष के वर्ग भी प्रारंभ किए गए हैं। कक्षा 9 से 12 के वर्गों में शुरुआत में चालीस फीसदी विद्यार्थी आ रहे थे। अब यह संख्या बढ़कर 70 से 72 फीसदी तक पहुंच गई है।