याचिकाकर्ता मोहम्मद हुसैन मकराणी (बलोच) ने वकील विराट पोपट के मार्फत इस याचिका में यह दावा किया गया है कि यह कानून संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और इसमें पुलिस को अपार अधिकार दिए गए हैं, इसलिए यह कानून आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बनेंगे। यह कानून और इसके कई विरोधाभासी प्रावधान देश के संविधान के विपरीत हैं, इसलिए इस कानून को गैरकानूनी ठहराया जाना चाहिए।
याचिका में यह भी कहा गया है कि यह कानून पुलिस को ज्यादा अधिकार देती है। इसमें फोन टेप करना और इसे सबूत के तौर पर सीधे पेश किया जा सकता है। इसके लिए पुलिस को किसी की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं रहती है।