दरअसल, सदन में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान कल्पसर योजना के प्रगति कार्य को लेकर चर्चा चल रही थी। जल सम्पदा मंत्री ऋषिकेश पटेल कल्पसर योजना की प्रगति को लेकर जवाब दे रहे थे तभी विपक्षी सदस्य डॉ. सी.जे. चावड़ा ने यह कहा कि नर्मदा योजना में काफी व्यवधान हो रहे थे। इसके बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पूर्व उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल के प्रयासों से नर्मदा योजना को गति मिली। ऐसा सुनते ही विधायक और पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल अपनी सीट से खड़े हो गए और कहने लगे कि नर्मदा योजना में जवाहरलाल नेहरू का कोई योगदान नहीं है।
उन्होंने तो सिर्फ इस योजना का सिर्फ शिलान्यास ही किया था। उन्होंने इसका श्रेय सिर्फ सरदार पटेल को देते हुए जवाहरलाल नेहरू पर प्रहार किया। बाद में विपक्षी कांग्रेस के विधायक आक्रोशित हो गए और अपनी सीट से खड़े होकर 'नितिन पटेल माफी मांगेÓ के नारे लगाते हुए वेल में धंस गए और कहा कि नितिन पटेल ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल का अपमान किया है। उधर, नितिन पटेल भी दलील करने लगे कि कांग्रेस सरदार पटेल का अपमान करती है। हंगामा बढ़ते देख सदन में सार्जेन्ट आए गए और घेरा बना लिया। सत्तापक्ष भाजपा विधायक भी अपनी-अपनी सीटों से खड़े होकर विपक्षी विधायकों पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने बार-बार विधायकों से अपनी सीट पर जाने का अनुरोध करती रही, लेकिन हंगामा बढ़ते देख सदन की कार्रवाई पन्द्रह मिनट तक स्थगित कर दी।
उधर, पन्द्रह मिनट फिर से सदन की कार्रवाई प्रारंभ हुई तब विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन की कार्रवाई बेहतर तरीके से चली। सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों ने सदन की गरिमा बनाए रखी, लेकिन गुरुवार को ऐसी घटना वह निंदनीय है। ऐसी घटनाएं भविष्य नहीं हों यह सभी सदस्यों को ध्यान रखना चाहिए। बाद में सदन की कार्रवाई सुचारू तरीके से चली।