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कांग्रेस आज राज्यभर में करेगी धरना-प्रदर्शन

locationअहमदाबादPublished: Mar 05, 2019 10:40:53 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

बारड की सदस्यता रद्द करने का मामला

Gujarat congress

कांग्रेस आज राज्यभर में करेगी धरना-प्रदर्शन

अहमदाबाद. कांग्रेस के विधायक भगवानभाई बारड की सदस्यता रद्द करने के विरोध में गुजरात कांग्रेस के बैनर तले राज्यभर में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। बाद में जिला कलक्टरों को ज्ञापन दिया जाएगा। कांगे्रस ने भाजपा और सरकार पर द्वेषभावना, असंवैधानिक कार्रवाई का आरोप लगाया है।
गुजरात कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी ने भाजपा और सरकार पर आरोप लगाते कहा कि विपक्षी प्रतिनिधियों को किसी न किसी बहाने परेशान करना। कानून की आड़ लेकर विधायक की सदस्यता रद्द करना यही बता रहा है कि भाजपा और सरकार डर और भय के माहौल में सत्ता टिकाए रखने की मशक्कत कर रही है। कांगे्रस के विधायक भगवानभाई बारड की जिस तरीके और जल्दबाजी में सदस्यता रद्द की गई वह द्वेषभावना और असंवैधानिक बताता है। इसके विरोध में कांग्रेस राज्यभर में धरना-प्रदर्शन करेगी और जिला कलक्टर ज्ञापन दिया जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सदस्यों के लिए अलग नियम हैं और कांग्रेसी सदस्यों के लिए अलग नियम नजर आते हैं। कांग्रेसी विधायकों को द्वेषभावना का शिकार बनना पड़ता है। इससे पूर्व भाजपा के पूर्व विधायक बाबूभाई बोखीरिया, कांति अमृतिया और पुरुषोत्तम सोलंकी और सांसद नारण काछडिया को गंभीर मामलों में सजा के किस्से सामने आए थे, लेकिन उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। वहीं कांग्रेस के विधायक भगवान बारड के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करने को लेकर गुजरात हाईकोर्ट का आदेश था, फिर भी स्पीकर ने उनकी विधायक पद की सदस्यता रद्द कर दी।
फिक्स वेतनभोगियों से आर्थिक शोषण का आरोप
अहमदाबाद. राज्य के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने फिक्स वेतन वाले कर्मचारियों का मामूली वेतन बढ़ाने की घोषणा की है। ऐसे में गुजरात के युवाओं के हक और अधिकार के लिए भाजपा सरकार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को वापस लेना चाहिए। राज्य की भाजपा सरकार फिक्स वेतन, ठेका प्रथा और आउट सोर्सिंग के जरिए युवाओं का आर्थिक शोषण कर रही है। गुजरात कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोशी ने भाजपा सरकार पर यह आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि राज्य में पांच लाख से ज्यादा फिक्स वेतनभोगी, ठेका प्रथा और आउट सोर्सिंग के नाम पर शोषण करने वाली भाजपा सरकार के खिलाफ समान कार्य और समान वेतन की न्यायिक की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। वहीं गुजरात हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती है। इसके खिलाफ आंदोलन भी चल रही है। डर की वजह से राज्य सरकार ने चुनाव के समय वेतन में मामूली बढ़ोतरी की है।

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