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वाघेला फिर से थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ!

locationअहमदाबादPublished: Jun 17, 2021 11:22:55 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

दिल्ली आलाकमान का होगा अंतिम निर्णय

वाघेला फिर से थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ!

वाघेला फिर से थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ!

गांधीनगर. गुजरात के दिग्गज नेताओं में शुमार रखने वाले और पूर्व केन्द्रीय शंकर सिंह वाघेला एक बार फिर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। वाघेला की कांग्रेस में वापसी कराने को लेकर कवायद की जा रही है। गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी इस कवायद में जुटे हैं।
सूत्रों के अनुसार हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई थी, जिसमें अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है। बैठक में पार्टी को मजबूत बनाने और वाघेला को भी वापस कांग्रेस में लाने को लेकर भी मंथन किया गया। भरतसिंह सोलंकी ने सोशल मीडिया पर बताया कि कांग्रेस की विचारधारा वाले और जनहित में काम करनेवाले हर व्यक्ति का पार्टी में स्वागत है। हालांकि आखिरी निर्णय तो दिल्ली आलाकमान करेगा।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व भी वाघेला का एक विडियो सोशल मीडिया पर जारी हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार को सबक सिखाने को यदि जरूरत होगी तो वे बगैर शर्त ही कांग्रेस में आ सकते हैं। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी वाघेला को फिर से पार्टी में लौटने को लेकर मनुहार कर रहे हैं। ये सुर्खियां सामने आईं। इसी बीच वाघेला ने खुलकर कहा कि चाहे अहमद पटेल हों या फिर पूर्व माधवसिंह सोलंकी हों उनके निधन पर गए थे, जहां कांग्रेस के कई नेताओं से उनका मिलना हुआ था। आमतौर पर भी पार्टी नेताओं से मिलना-जुलना लगा रहता है, जहां राजनीतिक मुद्दों पर बातचीत होती रहती है। कई नेताओं ने भी फिर से पार्टी में लौटने की गुजारिश की है।
गौरतलब है कि कभी भाजपा के दिग्गज नेता रहे शंकरसिंह वाघेला ने वर्ष 1996 में अलग गुट बना लिया था और कांग्रेस के साथ मिलकर अपनी सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने। बाद में उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी। फिर उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। वे कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और यूपीए सरकार में केन्द्रीय मंत्री बने। वर्ष 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने अपने 77वें जन्म दिवस पर पार्टी के कई नेताओं से नाराजगी जताते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। बाद में वाघेला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अलावा कई अन्य पार्टियों में जिम्मेदारी संभाली लेकिन उन्होंने उन पार्टियों से भी इस्तीफा दे दिया।

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