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अहमदाबाद

Gujrat government: ‘वनबंधुओं के कारण ही सुरक्षित है वन संपदा’

Gujrat government, adivasi, forest, digitali distribution, land, CM rupani; 9147 आदिवासियों को वन भूमि आवंटन के अधिकार पत्र का डिजिटली वितरण

अहमदाबादJul 18, 2020 / 08:36 pm

Pushpendra Rajput

Gujrat government: 'वनबंधुओं के कारण ही सुरक्षित है वन संपदा'

Gujrat government: ‘वनबंधुओं के कारण ही सुरक्षित है वन संपदा’

गांधीनगर. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Chief minister) ने कहा है कि राज्य की वन संपदा (forest property) , वन और वन्य जीव सृष्टि वनबंधुओं के कारण ही सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार को गांधीनगर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferncing) के जरिए वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वलसाड़ जिले के दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों कपराड़ा, धरमपुर और उमरगाम के 1,147 वनबंधुओं को 299 हेक्टेयर वन भूमि आवंटन के मंजूरी पत्र तथा 8,000 वनबंधुओं को अधिकार पत्र (पट्टे) का डिजिटल वितरण (digital distribution) करते यह बात कही।
उन्होंने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी जंगल के साथ नाता रखने वाले वनबंधुओं ने वनों का जतन किया है। वर्षों से भूमि जोतने वाले ऐसे वनबंधुओं को जंगल की जमीन का मालिक बनाने के दृष्टिकोण से सरकार अब उन्हें जंगल जमीन आवंटन अधिकार दे रही है। आदिजाति कल्याण और वन मंत्री गणपतसिंह वसावा ने इस अवसर पर कपराड़ा में उपस्थित रहकर प्रतीक के तौर पर ये अधिकार पत्र लाभार्थी वनबंधुओं को सौंपे।
9५ हजार से ज्यादा दावे मंजूर
अंबाजी से उमरगाम की आदिवासी पट्टी के 14 जिलों में राज्य सरकार ने अब तक 91,400 व्यक्तिगत और 4,569 सामूहिक दावों को मंजूर किया है। इन दावों में 1,49,540 एकड़ जमीन वनबंधुओं को मिली है। वहीं, सामूहिक दावों के तहत 11 लाख 60 हजार एकड़ से अधिक जमीन मंजूर की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने गरीब, पीडित, वंचित और आदिवासियों की विशेष चिंता की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शुरू की गई वनबंधु कल्याण योजना और पंचायत एक्सटेंशन ओवर शिड्यूल एरियाज एक्ट 1996 (पेसा एक्ट) के अमल से वनबंधुओं के हितों की रक्षा होने से वंचित आदिवासियों को विकास के नए अवसर मिले हैं।
उन्होंने कहा कि वन भूमि का अधिकार आदिवासी परिवारों को देने के साथ ही पेसा एक्ट के अंतर्गत गौण खनिज और लघु वन उपज के अधिकार भी वनवासियों को देकर राज्य सरकार ने स्थानीय विकास के लिए नया बल प्रदान किया है।
रूपाणी ने सरकार द्वारा वनवासियों के कल्याण के लिए बनाई गई अनेक योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल, कॉलेज, सड़क, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए लगभग 1 लाख करोड़ की धनराशि वनबंधु कल्याण पैकेज के तहत सरकार ने आवंटित की है।
मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के बच्चों को डॉक्टरी के उच्च अभ्यास का अवसर प्रदान करने के लिए वनबंधु क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की है। उन्होंने विश्वास जताया कि विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण के बीच भी कोरोना के खिलाफ और उसके साथ सतर्कता से जीवन व्यवस्थाएं चालू रखते हुए गुजरात कोरोना के विरुद्ध लड़ाई को जीतेगा और राज्य की विकास यात्रा न रुकेगी और न झुकेगी। उन्होंने वनबंधुओं के बुनियादी कार्य को कोरोना संक्रमण के बीच भी संपन्न करने के लिए जिला प्रशासन को बधाई दी।

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