दाहोद में सबसे ज्यादा 1.60 लाख को मिला रोजगार राज्य में मनरेगा के ऐसे कार्यक्रम वनबंधु जिला दाहोद में सबसे ज्यादा एक लाख 6 हजार 956 श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। उधर, वडोदरा जिले में ग्राम विकास एजेंसी के जरिए के मनरेगा के तहत 169 ग्राम पंचायतों में 425 कार्य शुरू किए गए हैं। सहायक परियोजना अधिकारी प्रतीक्षाबेन ने कहा कि मौजूदा समय में जिले में मनरेगा के तहत तालाब को गहरा करने, खेतों में मेढ़ बनाने, मिट्टी निकालने, साफ-सफाई करने और खेत तलावडी समेत 425 कार्य हो रहे हैं, जिसमें 40 कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके जरिए 15 हजार 372 मानव दिन रोजगार मिला है। वहीं 4613 श्रमिकों को रोजगार मिला है। इसके जरिए श्रमजीवियों को अब तक 32 लाख रुपए से ज्यादा की आय हुई है, जो उनके खाते में सीधे जमा कराई गई। वहीं वडोदरा जिले में मनरेगा के तहत सिर्फ दो दिनों में 70 कार्य किए गए हैं। ग्रामीण इलाकों में मिट्टी निकालना, साफ-सफाई, तालाब को गहरा करने और खेत तलावडी के कार्य हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी श्रमिक मास्क पहनकर काम करते हैं। साथ ही सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन किया जाता है।
टेक्निकल सहायक धर्मेशभाई कहते हैं कि सावली तालुका की अन्य ग्राम पंचायतों में भी मनरेगा के तहत कार्य शुरू किए गए हैं। इसके चलते स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। वडोदरा में सुजलाम-सुफलाम जल योजना के तहत 130 तालाब गहरे किए जा रहे हैं। वहीं 55 मिट्टी निकालने, नहरों की सफाई के कार्यों समेत 185 कार्य चल रहे हैं। अब तक 29 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। वहीं 15 हजार 25 घनमीटर मिट्टी निकाली जा चुकी है। जिले में चरणबद्ध तरीके से काम चल रहे हैं। जिले में जलसंचय के कार्य से भूगर्भ जल ऊपर आएगा।
दिन में दोबार बुलाते हैं श्रमिकों
मौजूदा समय में 40 से 42 डिग्री तक तापमान चल रहा है। सुबह ठंडक रहती हैं तो सुबह सात बजे तक श्रमिकों को बुलाकर दोपहर ग्यारह बजे तक कार्य कराया जाता है। ज्यादातर श्रमिक आसपास के गांवों के होते हैं तो दोपहर बाद बुलाया जाता है ताकि धूप में काम करने में दिक्कत नहीं हो। छांव की भी व्यवस्था की जाती है ताकि कुछ देर श्रमिक आराम भी कर सकें है। कोरोना संक्रमण को लेकर भी सावधानी रखी जाती है। सेनेटाइजर रखा जाता है, जिससे सभी श्रमिक सेनेटाइजर का उपयोग भी करते हैं। वहीं मास्क पहनते हैं और पर्याप्त दूरी भी रखते हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी श्रमिक मास्क पहनकर काम करते हैं। साथ ही सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन किया जाता है।
टेक्निकल सहायक धर्मेशभाई कहते हैं कि सावली तालुका की अन्य ग्राम पंचायतों में भी मनरेगा के तहत कार्य शुरू किए गए हैं। इसके चलते स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। वडोदरा में सुजलाम-सुफलाम जल योजना के तहत 130 तालाब गहरे किए जा रहे हैं। वहीं 55 मिट्टी निकालने, नहरों की सफाई के कार्यों समेत 185 कार्य चल रहे हैं। अब तक 29 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। वहीं 15 हजार 25 घनमीटर मिट्टी निकाली जा चुकी है। जिले में चरणबद्ध तरीके से काम चल रहे हैं। जिले में जलसंचय के कार्य से भूगर्भ जल ऊपर आएगा।
दिन में दोबार बुलाते हैं श्रमिकों
मौजूदा समय में 40 से 42 डिग्री तक तापमान चल रहा है। सुबह ठंडक रहती हैं तो सुबह सात बजे तक श्रमिकों को बुलाकर दोपहर ग्यारह बजे तक कार्य कराया जाता है। ज्यादातर श्रमिक आसपास के गांवों के होते हैं तो दोपहर बाद बुलाया जाता है ताकि धूप में काम करने में दिक्कत नहीं हो। छांव की भी व्यवस्था की जाती है ताकि कुछ देर श्रमिक आराम भी कर सकें है। कोरोना संक्रमण को लेकर भी सावधानी रखी जाती है। सेनेटाइजर रखा जाता है, जिससे सभी श्रमिक सेनेटाइजर का उपयोग भी करते हैं। वहीं मास्क पहनते हैं और पर्याप्त दूरी भी रखते हैं।