scriptAhmedabad News : अहिंसा पर आधारित है गुरुकुल शिक्षा – बालड़ | Gurukul education is based on non-violence - Balad | Patrika News

Ahmedabad News : अहिंसा पर आधारित है गुरुकुल शिक्षा – बालड़

locationअहमदाबादPublished: Sep 30, 2020 11:02:35 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

विश्व अहिंसा दिवस अभियान पर वेबिनार का तीसरा दिन

Ahmedabad News : अहिंसा पर आधारित है गुरुकुल शिक्षा - बालड़

Ahmedabad News : अहिंसा पर आधारित है गुरुकुल शिक्षा – बालड़

अहमदाबाद. हर्बल फेब-आर्गेनिक कपास और अन्य सस्टनेबल फेब्रिक निर्माता व गुरुकुलम साबरमती में नि:स्वार्थ सेवा दे रहे जितेन्द्र बालड़ ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा अहिंसा पर आधारित है। विज्ञान और आध्यात्मिक अनुसंधान संस्थान की अहमदाबाद इकाई और बीस अन्य संस्थानों के संयुक्त तत्त्वावधान में विश्व अहिंसा दिवस अभियान के छह दिनों के वेबिनार के तीसरे दिन बुधवार को बालड़ ने बच्चों के लिए अहिंसा पर आधारित गुरुकुल शिक्षा के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा हिंसा, बलात्कार, आत्महत्या, बेकारी इत्यादि समस्याओं को बढ़ावा देने वाली है जबकि गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था सदाचार, गुणवान और सादगीपूर्ण जीवन को बढ़ावा देने वाली है। आधुनिक शिक्षा भोगवाद को बढ़ावा देने वाली है इसलिए यह पर्यावरण और प्रकृति का शोषण करने वाली है, जबकि गुरुकुल व्यवस्था अल्पहिंसक जीवन व्यवस्था और संतोषपूर्ण जीवन को बढ़ावा देने वाली होने के कारण प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण व संवर्धन करने वाली है इसलिए गुरुकुल शिक्षा प्रणाली अहिंसा प्रधान है।
उन्होंने कहा कि गांधीजी के अनुसार शिक्षा का अर्थ बालक और मनुष्य के शरीर, मस्तिष्क और आत्मा में जाने वाले सर्वोत्तम गुणों का चहुंमुखी विकास करना है इसलिए बालक के सर्वांगीण विकास के लिए उसके शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक गुणों का विकास करना भारतीय गुरुकुलों की शिक्षा प्रणाली से ही संभव हो सकता है, भारत में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली की स्थापना होगी तभी भारत पुन: विश्वगुरु बन पाएगा।
वंचितों के प्रति गांधीजी की भावनाओं का क्रियान्वयन

पिछले 15 वर्षों से गुजरात के घुमंतू और डी-अधिसूचित समुदायों के साथ काम कर रहीं मित्तलबेन पटेल ने वर्ष 2010 में विचरता समुदाय समर्थन मंच (वीएसएसएम) की स्थापना की। उन्होंने कहा कि वंचितों के प्रति गांधीजी की भावनाओं का क्रियान्वयन कर रहा मंच गुजरात के 18 जिलों में मानवाधिकार, आजीविका, शिक्षा, खानाबदोश और डी-नोटिफाइड समुदायों के लिए काम करता है।
उन्होंने कहा कि बनासकांठा जिले में वीएसएसएम की ओर से पौधरोपण सरीखी गतिविधियों का संचालन कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी काम किया जा रहा है। बनासकांठा जिले में अब तक 115 झीलें खोदी जा चुकी हैं और लगभग 50,000 पौधे रोपे गए हैं। उनके कार्य से प्रभावित होकर भारत सरकार ने उनसे एक योजना पूरे भारत के लिए बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित किया है। उनके प्रयास से इन लाखों लोगों को पहली बार वोट देने का अधिकार मिला और उनके वोटर आई.डी. कार्ड बनाए गए। उनके कार्यों का पूरा विवरण अपनी पुस्तक ‘सरनामा विनाना मानवीय’ में उपलब्ध है, उनके इन प्रयासों से प्रभावित होकर 2018 में उन्हें राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था।
जीवदया और अहिंसा के कार्य कर रहे शाह

जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक युवक महासंघ की गुजरात प्रांत इकाई के अध्यक्ष भद्रेश शाह गुजरात में कई युवक मंडलों को साथ लेकर जीव दया और अहिंसा का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति पर पक्षी बचाओ अभियान का नेतृत्व करते है, पंक्षियों के लिए पानी के कुंडो का वितरण करते है। अब तक मिटटी के दस हज़ार कुंडों का वितरण किया है। बकरीद के दिन मूक जीवों को छुड़वाकर पांजरापोल में भिजवाते हैं और उन पशुओं के रख-रखाव का आर्थिक अनुदान का भी प्रबंध करते हैं। बकरीद के दिन कत्ल होने वाले हजारों जीवों को समाधि देने के लिए इकाइयों में आयम्बिल करवाते हैं।
उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 2017 को गांधी जयंती पर आचार्य राजयश सूरीश्वर महाराज की निश्रा में अहिंसा अष्टानिका महोत्सव का आयोजन करवाया। इसके अलावा शांतिनगर जैन संघ से साबरमती आश्रम तक संकल्प यात्रा का आयोजन भी किया। आठ वर्षों से प्रत्येक रविवार को किसी एक पांजरापोल में युवक मंडल के सदस्यों के साथ जाकर पशुओं को छह से सात टन घास-चारा खिलाते हैं। इस अवसर पर गुरुकुलम साबरमती के 12 वर्षीय छात्र विश्व जैन ने अहिंसा पर संस्कृत भाषा में सात श्लोकों की रचना सुनाई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो